जहांगीरपुरी हिंसा मामले में शत्रुघ्न सिन्हा ने दोषियों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के टिकट पर आसनसोल (Asansol) लोकसभा सीट तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने के एक दिन बाद शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने इस जीत का श्रेय ममता बनर्जी और यहां की जनता को दिया है. उन्होंने कहा कि मैं जीत का सबसे ज्यादा क्रेडिट यहां की सबसे प्रसिद्ध नेता और आयरन लेडी ममता बनर्जी को देना चाहूंगा. साथ ही इस जीत का श्रेय तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी देना चाहूंगा. वहीं इस जीत में आसलसोल की जनता सबसे ज्यादा हकदार है, जिसने मुझे खूब प्यार दिया. यहां के लोग गजब के हैं. यहां पर पूरे देश के लोग भिन्न-भिन्न प्रांतों से निवास करते हैं और यहां काम करते हैं. यहां की जीत ने एक इतिहास बनाया है.
एनडीटीवी से बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि इस जीत के मायने बहुत हैं. उन्होंने पिछले चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे बीजेपी के दोस्तों ने ममता दीदी पर व्यक्तिगत प्रहार किया था. उनका अपमान करने की कोशिश की. बगैर किसी एजेंडे के धनशक्ति के आधार पर ममता बनर्जी पर प्रहार किया. इसके बावजूद आयरन लेडी बनकर प्रचार किया और जीत हासिल की. साथ ही साथ लोगों को यह भी लगा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री को इस तरह से (दीदी-दीदी.....) हमारे महिला मुख्यमंत्री के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए था. पीएम और सीएम पद की एक गरीमा होती है. लेकिन दीदी के बारे में हुआ. मैं कहना चाहूंगा कि पूरे देश में उपचुनाव में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है. यह कही आने वाला कल का संकेत तो नहीं दे रहा. यह भी सोचना होगा. उन्होंने कहा कि जहां-जहां बीजेपी की सरकारें रहीं, वहां ईवीएम का दुरूपयोग हुआ है.
देश में हाल के दिनों में रामनवमी के जुलूस पर अलग-अलग राज्यों में हुई हिंसा मामले पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि हम फिल्म इंड्रस्ट्री से हैं, वहां पर इतने सालों तक काम करने के बाद मैंने ये भी सीखा है. सर्वधर्म समभाव. सारे धर्मों का समान तरीके से इज्जत होनी चाहिए. समानता होनी चाहिए. एक-दूसरे के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. अगर कोई असमाजिक तत्व ऐसा काम करते हैं तो कानून को अपना काम करना चाहिए. आसनसोल में रामनवमी भी अच्छे से मनाई गई. मुझे पूरा विश्वास है कि यहां ईद भी अच्छे से मनाई जाएगी.
मैंने सुना था कि कुछ लोग कोशिश करेंगे. जब चुनाव हारने की घड़ी आती है तो कुछ लोग कोशिश करते हैं. खासकर एक खास दल के लोग और उनके सहयोगी. ये लोग कोशिश करते हैं कि किस तरह से कोई भड़काऊ भाषण हो, किस तरीके से दंगे फसाद की कोशिश की जाए. लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं है. यहां के गेट ऑफ आसनसोल पर लिखा हुआ है, 'सीटी ऑफ ब्रदरहुड'. यहीं पूरे देश में होना चाहिए. दिल्ली में जो हो रहा है, ये सही नहीं हो रहा है. जो दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और कार्रवाई होती दिखनी भी चाहिए. इंसाफ का होना ही जरूरी नहीं है, इंसाफ का दिखना भी जरूरी है.
कुछ लोगों ने मुझपर टैग लगाने की कोशिश की, मैं आउटसाइडर हूं. मैं पटना गया था, वहां भी कहा गया कि मैं आउटसाइडर हूं. एक खास दल के लोगों ने जोर-शोर से ये बातें कहीं. कुछ ने तो मुझे गद्दार भी कह दिया. मुझे समझ में नहीं आया कि मैंने देश के साथ कब गद्दारी की है.
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