"वह लड़ना चाहते हैं...", मल्लिकार्जुन खड़गे के कमेंट पर शशि थरूर ने दिया यह जवाब

शशि थरूर ने लिखा कि स्पष्ट कर दूं कि मैं खड़गे जी से सहमत हूं कि @incIndia में हम सभी एक-दूसरे के बजाय बीजेपी का मुकाबला करना चाहते हैं. हमारे बीच कोई वैचारित मतभेद नहीं है. ये चुनाव इसलिए है कि इसे सबसे प्रभावी ढंग से कैसे करना है. 

शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया ये जवाब

कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदारों में से एक शशि थरूर ने अपने प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी के भीतर ही मुकाबला नहीं बल्कि पार्टी के सदस्यों के लिए यह चुनने के अवसर है कि भाजपा से प्रभावी तरीके से कैसे निपटें.

मल्लिकार्जुन खड़गे (जिन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार की पसंद के रूप में देखा जा रहा है) ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था कि उन्होंने नामांकन प्रक्रिया के बाद थरूर से बात की थी. सर्वसम्मत उम्मीदवार होना ही बेहतर होगा, लेकिन थरूर ने चुनाव लड़ने पर जोर दिया और कहा कि लोकतंत्र में चुनाव लड़ना चाहिए.

80 वर्षीय वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब कोई उम्मीदवार चुनाव लड़ने का फैसला करता है तो मैं उन्हें कैसे रोक सकता हूं. इसलिए वह लड़ रहे हैं और वे मेरे छोटे भाई हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक पारिवारिक मामला है और हमें आज भी और कल भी एकजुट रहना है. 

वहीं शशि थरूर ने आज ट्वीट में कहा था कि वह खड़गे से सहमत हैं कि कांग्रेस में हम सभी को बीजेपी से मुकाबला करना चाहिए ना कि एक-दूसरे से. पार्टी प्रमुख का चुनाव यह चुनना है कि इसे सबसे प्रभावी ढंग से कैसे किया जाए.

उन्होंने लिखा कि मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं खड़गे जी से सहमत हूं कि @incIndia में हम सभी एक-दूसरे के बजाय बीजेपी का मुकाबला करना चाहते हैं. हमारे बीच कोई वैचारित मतभेद नहीं है. ये चुनाव इसलिए है कि इसे सबसे प्रभावी ढंग से कैसे करना है. 

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए हाई ड्रामा देखा गया. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (जिन्हें गांधी परिवार की पसंद माना जा रहा था) के राज्य के विधायकों के एक वर्ग ने कहा कि वे गहलोत के बदले सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे, हालांकि गहलोत ने इस विद्रोह में किसी भी भूमिका से इनकार किया, लेकिन यह संभावना नहीं है कि विधायक उनके बिना आलाकमान के आदेश की अवहेलना कर रहे हों. गहलोत पीछे हटे तो दिग्विजय सिंह भी इस चुनाव में कूदने वाले थे, लेकिन वे बाहर हो गए. उन्होंने कहा कि खड़गे उनके नेता है और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने के बारे में वे सोच भी नहीं सकते.

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