पुणे में केरल की 26 साल की सीए एना सेबेस्टियन की मौत देशभर में ऐसा सवाल उठा, जिस पर इन दिनों लोग बात करते हुए देखे जा सकते हैं. दरअसल यूके की प्रोफेशनल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (Ernst & Young India) यानी EY में काम करने वाली एक लड़की की मौत से कंपनियों के टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर सवाल उठने लगे हैं. एना सेबेस्टियन के परिवार का आरोप है कंपनी के काम के बोझ की वजह से उनकी बेटी की मौत हुई. जवान बेटी को खोने का सदमा झेल रही इसी परिवार से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में मुलाकात की. बच्ची की मौत का सदमा झेल रही उसकी मां ने कंपनी के नाम एक लेटर लिखा है, जिसे पढ़ हर किसी की आंखे नम हो गई.
Paid an emotional visit to the parents of EY India's Anna Sebastian Perayil, who died of a heart attack at age 26 from overwork and intolerable stress &pressure from her managers. Discussed with her anguished parents the need for an inquiry and accountability, new laws and… pic.twitter.com/2Lebg5NSbc
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 25, 2024
एना के परिवार से मुलाकात पर क्या बोले शशि थरूर
एक्स पर शशि थरूर ने लिखा कि EY इंडिया की एना सेबेस्टियन के माता-पिता से इमोशनल मुलाकात हुई, जिसकी 26 साल की उम्र में वर्क ओवरलोड और अपने मैनेजर के असहनीय तनाव और दबाव के कारण हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. उनके दुखी माता-पिता के साथ जांच और जवाबदेही की जरूरत, कम कर्मचारियों वाली कंपनियों के टॉक्सिक वर्क कल्चर को सुधारने के लिए नए कानून और नियम, और मिड लेवल मैनेजर की बेहतर ट्रेनिंग पर चर्चा की. अगर किसी कंपनी को अपने कर्मचारियों से हर समय 16 घंटे दिन-रात काम करवाना है, तो उसे अधिक लोगों को काम पर रखने की जरूरत है, ना कि उन लोगों के अधिकारों का हनन करने की जिन्हें वह काम पर रखती है और उनका शोषण करती है.
थरूर संसद में उठाएंगे वर्क लोड का मुद्दा
पिछले सप्ताह की शुरुआत में शशि थरूर ने एना के पिता सिबी जोसेफ से बात की और सप्ताह में 40 घंटे काम करने का सुझाव दिया. थरूर ने 20 सितंबर को एक्स पर पोस्ट किया, "उन्होंने (एना के पिता) सुझाव दिया और मैं सहमत हुआ कि मैं संसद के माध्यम से सभी वर्क प्लेस के लिए एक निश्चित कैलेंडर बनाने का मुद्दा उठाऊंगा, चाहे वह प्राइवेट सेक्टर में हो या सार्वजनिक, जो सप्ताह में पांच दिन, प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक नहीं होगा." कांग्रेस सांसद ने लिखा, "वर्क प्लेस पर अमानवीयता को समाप्त करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए और अपराधियों के लिए कठोर दंड और जुर्माना लगाया जाना चाहिए. मानवाधिकार वर्क प्लेस तक ही सीमित नहीं है." उन्होंने यह भी कहा कि वे संसद के अगले सत्र के दौरान सबसे पहले इस मामले को उठाएंगे, जो दिसंबर में होने की संभावना है.
बेटी की मौत पर पिता ने क्या कहा
एना सेबेस्टियन के पिता ने पिछले सप्ताह मीडिया से बात की और कहा कि उन्होंने उसे नौकरी छोड़ने की सलाह दी थी, क्योंकि उसे EY इंडिया फर्म में रात 12.30 बजे तक काम करना पड़ता था. जोसेफ ने कहा, "हमने उसे नौकरी छोड़ने की सलाह दी, लेकिन उसने जोर देकर कहा कि यह काम उसे वैल्यूबल पेशेवर अनुभव प्रदान करेगा." उन्होंने यह भी दावा किया कि अत्यधिक काम के दबाव के मुद्दे को EY के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने भी उठाया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा, " सहायक प्रबंधक से शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने रात में भी काम करने पर जोर दिया."
एना के परिवार का कंपनी पर ये आरोप
इसी के साथ परिवार ने आरोप लगाया कि कंपनी ने उसकी मां के पत्र के वायरल होने के बाद ही जवाब दिया. जोसेफ ने कहा, "हम कानूनी रूप से इस मामले को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं, लेकिन हम नहीं चाहते कि किसी और को नसीब भी हमारे जैसा हो, हम नहीं चाहते कि ऐसी कॉर्पोरेट कंपनियों में शामिल होने वाले नए लोगों को भी ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करना पड़े." एना की मां, ऑगस्टीन ने भी लेटर में कहा था कि कंपनी से कोई भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ था, जिस पर परिवार को काफी दुख हुआ.
एना की मौत पर कंपनी ने क्या कहा
देश भर में हंगामे के बीच, EY ने पिछले सप्ताह एक बयान जारी कर कहा कि वह एना सेबेस्टियन की "दुखद और असामयिक" मौत से बहुत दुखी है. EY ने कहा कि यह भारत में अपनी सदस्य फर्मों में लगभग 1,00,000 लोगों के साथ काम करता है और एना ने ऐसी ही एक फर्म - एसआर बटलीबोई - में चार महीने तक काम किया था. मौत के बाद से, EY परिवार के संपर्क में था, उनकी मदद कर रहा था, लेकिन अब उसके परिवार ने कंपनी को पत्र लिखकर ज्यादा वर्क लोड की शिकायत की है. हालांकि केंद्र सरकार ने कहा है कि वह एना की मौत के कारणों की जांच कर रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं