
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है और राजनीतिक पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं.
- थरूर ने अपने रुख पर कायम रहते हुए सशस्त्र सेनाओं और सरकार का समर्थन करने की बात कही है.
- उन्होंने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य देश की सेवा करना और राजनीतिक माध्यम से विकास को बढ़ावा देना है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने फिर एक ऐसा बयान दिया है, जिससे उनकी पार्टी को आपत्ति हो सकती है. कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि राष्ट्र पहले आता है और पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि किसी भी पार्टी का उद्देश्य एक बेहतर भारत का निर्माण करना होता है. अगर देश ही नहीं रहेगा, तो फिर क्या होगा. उन्होंने कहा कि वह देश की सशस्त्र सेनाओं और सरकार का समर्थन करने के अपने रुख पर अड़े रहेंगे, क्योंकि उनका मानना है कि यह देश के लिए सही बात है.
थरूर के बयान पर कांग्रेस
शशि थरूर के बयान पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'यह स्टेंड कांग्रेस का हमेशा से रहा है... राष्ट्र पहले है, और पार्टी बाद में है. बीजेपी में ठीक है उसका उल्टा है... पार्टी सबसे पहले है देश हित सबसे बाद में है. शशि थरूर जो कह रहे हैं, हो सकता है उनको ज्यादा इतिहास का ज्ञान हो परंपरा का ज्यादा ज्ञान हो. मैं ना तो उन्हें गलत ठहरा रहा हूं और ना ही सही ठहरा रहा हूं.
'आपकी पहली निष्ठा किसके प्रति है?'
कांग्रेस सांसद ने कहा, 'आपकी पहली निष्ठा किसके प्रति है? मेरे विचार से, राष्ट्र सर्वप्रथम है. पार्टियां राष्ट्र को बेहतर बनाने का माध्यम हैं. इसलिए, मेरे विचार से, आप जिस भी पार्टी से हों, पार्टी का उद्देश्य अपने तरीके से एक बेहतर भारत का निर्माण करना है.' उन्होंने यहां ‘शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'अब, पार्टियों को इस बात पर असहमत होने का पूरा अधिकार है कि ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है... जैसा कि आप जानते हैं, बहुत से लोग मेरे रुख के कारण मेरे आलोचक रहे हैं, क्योंकि मैंने सशस्त्र बलों और हमारी सरकार का समर्थन किया है तथा हाल में हमारे देश और हमारी सीमाओं पर जो कुछ हुआ है, उसके बारे में भी मैंने ऐसा ही रुख अपनाया है.'
'मैं अपनी बात पर अड़ा रहूंगा'
शशि थरूर ने कहा, 'लेकिन मैं अपनी बात पर अड़ा रहूंगा, क्योंकि मेरा मानना है कि यह देश के लिए सही बात है.' बाद में, कार्यक्रम से इतर उन्होंने मीडिया से कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम हमेशा से मेरा दर्शन रहा है.' उन्होंने कहा कि वह भारत केवल इसलिए लौटे हैं, ताकि राजनीति के माध्यम से और राजनीति से बाहर भी, हर संभव तरीके से देश की सेवा कर सकें. उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा करने की कोशिश की है.'
क्या कांग्रेस आलाकमान से कोई समस्या?
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कांग्रेस आलाकमान से कोई समस्या है, थरूर ने कहा कि वह यहां किसी राजनीति या समस्या पर चर्चा करने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं दो भाषण देने आया हूं. दोनों भाषण ऐसे विषयों पर थे जिनकी मुझे उम्मीद है कि जनता सम्मान करेगी और उन्हें महत्व देगी. पहला भाषण विकास, व्यवसायों की भूमिका और शांति एवं सद्भाव के बारे में था. दूसरा भाषण मुख्य रूप से सांप्रदायिक सद्भाव और साथ मिलकर रहने के प्रयास पर केंद्रित था, ताकि हम सब आगे बढ़ सकें और प्रगति कर सकें.'
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