कांग्रेस नेता शशि थरूर
नई दिल्ली:
फंड की कमी से परेशान कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी का तरीका अपनाते हुए जनता से चंदे की अपील की है. पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट कर कहा गया है कि कांग्रेस को आपके समर्थन और मदद की ज़रूरत है. छोटी सी मदद कर लोकतंत्र को कायम रखने में हमारी मदद करें.
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वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं कि बीजेपी को सबसे ज्यादा फंड मिल रहा है क्योंकि जो पार्टी सत्ता में होती है पैसे उनको ही जाता है. इसका नतीजा है कि ज्यादातर विपक्षी दलों को संकट का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी को जिसकी उपस्थित राष्ट्रव्यापी है.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव में बहुत से उम्मीदवारों ने अपना कैंपेन खुद के ही पैसों से किया है. एक केस में हमने चंदा इक्ट्ठा किया और इसमें सफल भी रहे. यह आम चुनावों में भी किया जा सकता है. केरल में हमने यात्रा की और फंड भी जुटाए, यह राष्ट्रीय स्तर पर भी किया जा सकता है.
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आपको बता दें कि राहुल गांधी की अगुवाई में चल रही कांग्रेस के पास उद्योगपतियों की ओर से मदद तो आ रही है लेकिन वह काफी कम हो गई है. नगदी की समस्या से जूझ रही पार्टी को प्रत्याशियों की मदद के लिये अब जनता के चंदे के पैसा का सहारा लेना पड़ सकता है. कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना ने भी इस बात को माना है कि पार्टी के पास पैसे नही हैं. उन्होंने बताया कि बीजेपी की तुलना में कांग्रेस को चुनावी बांड से ज्यादा पैसा नहीं आ रहा है. पार्टी को पैसा जुटाने के लिए अब ऑनलाइन फंडिंग का सहारा लेना पड़ सकता है.
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उधर, इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया था. दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ मिलन वैष्णव का कहना है कि बड़े बिजनेस घराने अब कांग्रेस से बीजेपी की ओर पलायन कर गए हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए बीजेपी को पैसा जुटाने में निर्णायक फायदा हुआ है. इसकी वजह यह यह है क्योंकि कांग्रेस और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों को व्यापार जगत में उनको ज्यादा 'दोस्त' के तौर पर नहीं देखा जाता है. मार्च 2017 में खत्म हुए वित्तीय साल तक बीजेपी ने जितना फंड इकट्ठा किया था कांग्रेस उसका एक चौथाई ही जुटा पाई है. चुनाव में खर्चे बढ़ते जा रहे हैं और 2019 को देखते हुये सोशल मीडिया की भूमिका से कोई इनकार नहीं कर सकता है ऐसे में अब कांग्रेस बदली हुई परिस्थिति में कितना प्रबंधन करती है ये देखने वाली बात होगी.
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वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं कि बीजेपी को सबसे ज्यादा फंड मिल रहा है क्योंकि जो पार्टी सत्ता में होती है पैसे उनको ही जाता है. इसका नतीजा है कि ज्यादातर विपक्षी दलों को संकट का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी को जिसकी उपस्थित राष्ट्रव्यापी है.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव में बहुत से उम्मीदवारों ने अपना कैंपेन खुद के ही पैसों से किया है. एक केस में हमने चंदा इक्ट्ठा किया और इसमें सफल भी रहे. यह आम चुनावों में भी किया जा सकता है. केरल में हमने यात्रा की और फंड भी जुटाए, यह राष्ट्रीय स्तर पर भी किया जा सकता है.
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उधर, इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया था. दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ मिलन वैष्णव का कहना है कि बड़े बिजनेस घराने अब कांग्रेस से बीजेपी की ओर पलायन कर गए हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए बीजेपी को पैसा जुटाने में निर्णायक फायदा हुआ है. इसकी वजह यह यह है क्योंकि कांग्रेस और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों को व्यापार जगत में उनको ज्यादा 'दोस्त' के तौर पर नहीं देखा जाता है. मार्च 2017 में खत्म हुए वित्तीय साल तक बीजेपी ने जितना फंड इकट्ठा किया था कांग्रेस उसका एक चौथाई ही जुटा पाई है. चुनाव में खर्चे बढ़ते जा रहे हैं और 2019 को देखते हुये सोशल मीडिया की भूमिका से कोई इनकार नहीं कर सकता है ऐसे में अब कांग्रेस बदली हुई परिस्थिति में कितना प्रबंधन करती है ये देखने वाली बात होगी.
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