मुंबई:
महाराष्ट्र में 72 घंटे से चल रहे राजनीतिक संकट का शुक्रवार की शाम पटाक्षेप हो गया। यहां की गठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने उप मुख्यमंत्री अजित पवार का इस्तीफा मंजूर कर लिया। पार्टी अब मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को अपने फैसले से अवगत कराएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने हालांकि अपनी पार्टी के अन्य 19 मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर नहीं किए। उन्होंने कहा कि अन्य मंत्री शनिवार से पहले की तरह काम करते रहेंगे।
दिनभर चली बैठकों के बाद शरद पवार ने मीडिया से कहा, "हम मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से अजित का इस्तीफा स्वीकार करने और उसे राज्यपाल को भेजने का अनुरोध करेंगे।"
अजित पवार ने खुद पर आरोप लगने के बाद चव्हाण को अपना इस्तीफा मंगलवार को भेजा था। आरोप है कि 1999 से 2009 के बीच जब वह राज्य के जल संसाधन मंत्री थे, 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के सिंचाई ठेके मनमाने ढंग से आवंटित किए।
अजित पवार के कदम का अनुसरण करते हुए राकांपा के सभी 19 मंत्रियों ने राज्य के पार्टी प्रमुख मधुकर राव पिचाड को अपने इस्तीफे सौंप दिए थे, जिससे कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार संकट में फंस गई थी।
शरद पवार ने कहा कि सरकार को राज्य में सिंचाई हुए खर्च पर पहले ही श्वेतपत्र लाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पार्टी हालांकि चाहती है कि अजित अपने इस्तीफे पर फिर से विचार करें, लेकिन वह इस बात पर अड़े हैं कि जब तक श्वेतपत्र जारी नहीं किया जाएगा, वह सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि राकांपा प्रमुख अजित पवार के चाचा हैं। उन्होंने इस बात का खंडन किया कि परिवार में किसी तरह का अनबन है।
केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने हालांकि अपनी पार्टी के अन्य 19 मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर नहीं किए। उन्होंने कहा कि अन्य मंत्री शनिवार से पहले की तरह काम करते रहेंगे।
दिनभर चली बैठकों के बाद शरद पवार ने मीडिया से कहा, "हम मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से अजित का इस्तीफा स्वीकार करने और उसे राज्यपाल को भेजने का अनुरोध करेंगे।"
अजित पवार ने खुद पर आरोप लगने के बाद चव्हाण को अपना इस्तीफा मंगलवार को भेजा था। आरोप है कि 1999 से 2009 के बीच जब वह राज्य के जल संसाधन मंत्री थे, 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के सिंचाई ठेके मनमाने ढंग से आवंटित किए।
अजित पवार के कदम का अनुसरण करते हुए राकांपा के सभी 19 मंत्रियों ने राज्य के पार्टी प्रमुख मधुकर राव पिचाड को अपने इस्तीफे सौंप दिए थे, जिससे कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार संकट में फंस गई थी।
शरद पवार ने कहा कि सरकार को राज्य में सिंचाई हुए खर्च पर पहले ही श्वेतपत्र लाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पार्टी हालांकि चाहती है कि अजित अपने इस्तीफे पर फिर से विचार करें, लेकिन वह इस बात पर अड़े हैं कि जब तक श्वेतपत्र जारी नहीं किया जाएगा, वह सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि राकांपा प्रमुख अजित पवार के चाचा हैं। उन्होंने इस बात का खंडन किया कि परिवार में किसी तरह का अनबन है।
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