शापूरजी पलोनजी (एस पी) समूह ने मंगलवार को कहा कि टाटा से अलग होने और 70 साल पुराने संबंधों को समाप्त करने का समय आ गया है. एसपी समूह की टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह इसमें सबसे बड़ा अल्पांश हिस्सेदार है.टाटा संस समूचे टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है. शापूरजी पलोनजी समूह ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘उसने उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि निरंतर कानूनी विवाद के आजीविका और अर्थव्यवस्था पर पड़ने की आशंका को देखते हुए टाटा समूह से अलग होना जरूरी हो गया है.''बयान के अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि मामले में निष्पक्ष और समानता के आधार पर जल्दी समाधान पर पहुंचा जाए जिसमें पूरी संपत्ति का मूल्य प्रतिबिंबित हो.
साइरस मिस्त्री को टाटा संस से अक्टूबर 2016 में बर्खास्त किये जाने के बाद से एस पी समूह और टाटा के बीच कानूनी जंग जारी है.बयान के अनुसार टाटा संस ने कोविड महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच, एस पी समूह को नुकसान पहुंचाने के लिये पूरे प्रयास किये हैं.मिस्त्री परिवार अपनी व्यक्तिगत संपत्ति के एवज में कोष जुटाने में लगा था. यह कदम 60,000 कर्मचारियों और 1,00,000 से अधिक प्रवासी कामगारों की आजीविका के लिये उठाया गया था.
बयान के अनुसार टाटा संस का कोष जुटाने के कदम को बाधित करना उसके बदला लेने वाली मन:स्थिति को प्रकट करता है.एस पी समूह ने कहा कि मौजूदा स्थिति और टाटा संस की बदले की कार्रवाई को देखते हुए दोनों समूह का एक साथ बने रहना व्यवहारिक नहीं रह गया है. टाटा संस प्रवक्ता से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
VIDEO: टाटा ने मिस्त्री को बाहर का रास्ता क्यों दिखाया?
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