जोधपुर:
यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी आसाराम की जमानत याचिका पर आज जोधपुर की सेशन कोर्ट में सुनवाई जारी है। यह बुधवार को भी जारी रहेगी। इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि आज रात भी आसाराम जेल में ही काटेंगे।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को भारी सुरक्षा दिए जाने के लिए मंगलवार को सरकार की आलोचना की। आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू पर एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न का आरोप है।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी एवं वी गोपाला गौड़ा की पीठ ने कहा, हम टेलीविजन पर देख रहे हैं कि एक आरोपी को चारों तरफ पूरी सुरक्षा दी जा रही है।
न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा, हर कोई कहता है कि असामान्य है, लेकिन अब यही नियम बन गया है। न्यायालय ने यह बात एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही, जिसमें अयोग्य व्यक्तियों को दी गई पुलिस सुरक्षा वापस लेने की मांग की गई है। आसाराम को राजस्थान में सोमवार को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस ने दावा किया है कि उसके पास आसाराम के खिलाफ नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के मामले में पर्याप्त सबूत है। 31 अगस्त को देर रात इंदौर से आसाराम की गिरफ्तारी हुई थी और 1 सितंबर को पुलिस उन्हें जोधपुर लेकर आई थी। आसाराम ने अपनी बीमारी के चलते कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सोमवार को आसाराम ने जेल में पहली रात बिताई। जेल प्रशासन ने आसाराम को किसी तरह की वीआईपी सुविधा नहीं दी।
सोमवार रात आसाराम को एक कंबल, एक चटाई और एक पंखे के सहारे रात गुजारनी पड़ी। रात में उन्होंने आश्रम का ही खाना खाया। न्यायिक हिरासत पर जोधपुर सेंट्रल जेल भेजने की खबर आने के बाद उनके समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। वहां पुलिस के साथ इनकी जमकर झड़प हुई।
जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। समर्थकों ने कई गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए। पुलिस के साथ भी आसाराम समर्थकों की झड़प हुई। आखिर में पुलिस को जबरन आसाराम के समर्थकों को जेल के बाहर से खदेड़ना पड़ा।
(इनपुट्स आईएनएस से भी)
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को भारी सुरक्षा दिए जाने के लिए मंगलवार को सरकार की आलोचना की। आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू पर एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न का आरोप है।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी एवं वी गोपाला गौड़ा की पीठ ने कहा, हम टेलीविजन पर देख रहे हैं कि एक आरोपी को चारों तरफ पूरी सुरक्षा दी जा रही है।
न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा, हर कोई कहता है कि असामान्य है, लेकिन अब यही नियम बन गया है। न्यायालय ने यह बात एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही, जिसमें अयोग्य व्यक्तियों को दी गई पुलिस सुरक्षा वापस लेने की मांग की गई है। आसाराम को राजस्थान में सोमवार को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस ने दावा किया है कि उसके पास आसाराम के खिलाफ नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के मामले में पर्याप्त सबूत है। 31 अगस्त को देर रात इंदौर से आसाराम की गिरफ्तारी हुई थी और 1 सितंबर को पुलिस उन्हें जोधपुर लेकर आई थी। आसाराम ने अपनी बीमारी के चलते कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सोमवार को आसाराम ने जेल में पहली रात बिताई। जेल प्रशासन ने आसाराम को किसी तरह की वीआईपी सुविधा नहीं दी।
सोमवार रात आसाराम को एक कंबल, एक चटाई और एक पंखे के सहारे रात गुजारनी पड़ी। रात में उन्होंने आश्रम का ही खाना खाया। न्यायिक हिरासत पर जोधपुर सेंट्रल जेल भेजने की खबर आने के बाद उनके समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। वहां पुलिस के साथ इनकी जमकर झड़प हुई।
जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। समर्थकों ने कई गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए। पुलिस के साथ भी आसाराम समर्थकों की झड़प हुई। आखिर में पुलिस को जबरन आसाराम के समर्थकों को जेल के बाहर से खदेड़ना पड़ा।
(इनपुट्स आईएनएस से भी)
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