केंद्र सरकार ने मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल को हटाए जाने को उचित बताते हुए कहा है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि कमला बेनीवाल को पद से हटाए जाने के पीछे कोई राजनीति नहीं है और उनके खिलाफ गंभीर आरोप पर सरकार ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की है। नायडू ने कहा कि बेनीवाल के खिलाफ कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो भी कदम उठाया गया, वह संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप है। उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, कमला बेनीवाल को राज्यपाल पद से हटाने का निर्णय संवैधानिक सिद्धांतों और परंपराओं के अनुरूप है जिसे भारत के राष्ट्रपति ने स्वीकृति दी है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर सरकार को इस पर कुछ और कहना होगा, तो वह संसद में कहेगी। कांग्रेस द्वारा इसे राजनीतिक बदले की भावना से उठाया गया कदम बताए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस निर्णय के पीछे कोई राजनीति नहीं है।
नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति ने इस पूरे मामले पर विचार करते हुए इस पर निर्णय किया और ऐसे निर्णय करना सरकार का विशेषाधिकार है। उधर, कांग्रेस के महासचिव अजय माकन ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया में कहा कि अगर राज्यपाल कमला बेनीवाल को हटाया जाना था, तो उनका कुछ दिन पहले मिजोरम तबादला क्यों किया गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में जमीन घोटाला और सरकारी प्लेन के निजी इस्तेमाल के आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने कमला बेनीवाल को राज्यपाल पद से हटा दिया। विरोधी दलों ने बेनीवाल को पद से हटाए जाने पर सवाल उठाए हैं। कमला बेनीवाल को पिछले महीने ही गुजरात से हटाकर मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया था।
कमला बेनीवाल जब गुजरात की राज्यपाल थीं, उस वक्त लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर उनके और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच काफी विवाद हुआ था और कई मुद्दों पर दोनों के मतभेद हमेशा मीडिया की सुर्खियां में रहे।
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