नई दिल्ली:
सीबीआई ने एक कंपनी के मालिक से कथित तौर पर 2.20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में दिल्ली सरकार के एक प्रमुख अधिकारी को गिरफ्तार किया।
अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रताप सिंह और उनके निजी सहायक की गिरफ्तारी उस वक्त की गई, जब शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय का रुख किया।
सूत्रों का कहना है कि कार्यालय सहायकों, सुरक्षा गार्ड तथा दूसरे कर्मचारियों की सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी के मालिक ने आरोप लगाया कि 1984 बैच के आईएएस अधिकारी सिंह बिलों को मंजूरी देने के एवज में 2.2 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। इस शिकायत पर सीबीआई के लोगों ने जाल बिछाया, जिसके बाद सिंह और उनके निजी सचिव को गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, 'शिकायतकर्ता ने हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय का रुख किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने उसे अधिकारी को जाल में फंसाने की बात समझाई तथा मंगलवार रात सिंह को सीबीआई ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सीबीआई ने मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मिली शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की।'
अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रताप सिंह और उनके निजी सहायक की गिरफ्तारी उस वक्त की गई, जब शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय का रुख किया।
सूत्रों का कहना है कि कार्यालय सहायकों, सुरक्षा गार्ड तथा दूसरे कर्मचारियों की सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी के मालिक ने आरोप लगाया कि 1984 बैच के आईएएस अधिकारी सिंह बिलों को मंजूरी देने के एवज में 2.2 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। इस शिकायत पर सीबीआई के लोगों ने जाल बिछाया, जिसके बाद सिंह और उनके निजी सचिव को गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, 'शिकायतकर्ता ने हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय का रुख किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने उसे अधिकारी को जाल में फंसाने की बात समझाई तथा मंगलवार रात सिंह को सीबीआई ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सीबीआई ने मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मिली शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की।'
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