New Delhi:
उत्तर प्रदेश के भट्टा परसौल में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित तौर पर की गई हिंसक कार्रवाई और ज्यादती की सीबीआई जांच कराने की मांग करती एक याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। न्यायाधीश जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा, जिसने इस मुद्दे का पहले ही संज्ञान लिया है। प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील यूयू ललित ने दलील दी कि मामले के सुप्रीम कोर्ट द्वारा देखे जाने की जरूरत है, क्योंकि बेघर कर दिए गए हजारों किसानों के जीवन और आजीविका की समस्या इससे जुड़ी है और उनकी जिंदगी पर लगातार खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच की जरूरत है, क्योंकि स्थानीय पुलिस सहित आधिकारिक तंत्र ने भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 17 के तहत जमीन का अधिग्रहण करने के बाद कथित तौर पर आतंक का राज कायम किया। कानून की उक्त धारा के मुताबिक अत्यंत आवश्यकता की स्थिति में सरकार कानून की अन्य धाराओं की प्रक्रियाओं के तहत अनिवार्य तौर पर भूमि का अधिग्रहण कर सकती है।
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