नई दिल्ली:
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (नेशनल ह्युमन राइट्स कमिशन - NHRC) में बीजेपी उपाध्यक्ष की सदस्यता के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. सात जनवरी को अगली सुनवाई होगी.
सुनवाई को दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि खन्ना एक राजनीतिक पार्टी से जुडे हैं और उनकी नियुक्ति एक तरह से हितों का टकराव होगा. यहां तक कि पैनल को भी नहीं बताया गया कि वो राजनीतिक पार्टी से जुडे हैं.
छात्रा अनुप्रिया नागोरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि बीजेपी नेता अविनाश राय खन्ना को प्रधानमंत्री की अगुवाई में हाई लेवल कमेटी ने NHRC का सदस्य नियुक्त किया है वो नियमों के खिलाफ है. नियमों के मुताबिक किसी भी राज्य के मानवाधिकार आयोग में रहे व्यक्ति को NHRC में नियुक्ति नहीं दी जा सकती और खन्ना पहले पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग में रह चुके हैं.
दरअसल NHRC में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय गृहमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर की हाई लेवल कमेटी करती है.
सुनवाई को दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि खन्ना एक राजनीतिक पार्टी से जुडे हैं और उनकी नियुक्ति एक तरह से हितों का टकराव होगा. यहां तक कि पैनल को भी नहीं बताया गया कि वो राजनीतिक पार्टी से जुडे हैं.
छात्रा अनुप्रिया नागोरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि बीजेपी नेता अविनाश राय खन्ना को प्रधानमंत्री की अगुवाई में हाई लेवल कमेटी ने NHRC का सदस्य नियुक्त किया है वो नियमों के खिलाफ है. नियमों के मुताबिक किसी भी राज्य के मानवाधिकार आयोग में रहे व्यक्ति को NHRC में नियुक्ति नहीं दी जा सकती और खन्ना पहले पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग में रह चुके हैं.
दरअसल NHRC में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय गृहमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर की हाई लेवल कमेटी करती है.
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