
- कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगातार जोर पकड़ रही हैं
- कांग्रेस नेता आर.वी.देशपांडे ने बदलाव पर कोई चर्चा नहीं होने का दावा किया
- डीके शिवकुमार के समर्थन में 100 से अधिक विधायक बताए जा रहे हैं
- कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने पार्टी में कलह की खबरों को खारिज किया है
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर भले ही कल विराम लगाने का दावा किया गया हो लेकिन जो कुछ भी चल रहा है, उससे साफ है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं. कांग्रेस नेता आर.वी.देशपांडे ने बीते दिन ही कहा था कि सीएम बदलने के बारे में किसी तरह का कोई प्रस्ताव या चर्चा नहीं हुई है. लेकिन कांग्रेस एमएलए इकबाल हुसैन ने हाल ही में जो बयान दिया है, उससे साफ है कि कर्नाटक कांग्रेस में सब कुछ वैसा नहीं है जैसा ऊपर से बताया जा रहा है.
डीके शिवकुमार के पक्ष में 100 से ज्यादा विधायक
इकबाल हुसैन ने कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं, 100 से ज़्यादा विधायक बदलाव के पक्ष में हैं. उनमें से कई इस पल का इंतज़ार कर रहे हैं. वे सुशासन चाहते हैं और मानते हैं कि डी.के. शिवकुमार को एक मौका मिलना चाहिए. उन्होंने पार्टी के लिए अथक काम किया है और संगठन को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाई है. केपीसीसी अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी की किस्मत में आए बदलाव को सभी ने देखा है. उनके प्रयासों की वजह से, ज़्यादा से ज़्यादा लोग उनके लिए अपना समर्थन व्यक्त कर रहे हैं और उनके साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं.
सिद्धारमैया कलह की खबरों को कर चुके हैं खारिज
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस में कलह की खबरों को शुक्रवार को खारिज कर दिया था सिद्धारमैया ने लोगों से सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना के इस बयान को नजरअंदाज करने को कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस में सत्ता के कई केंद्र हैं. राजन्ना ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सितंबर के बाद कर्नाटक में राजनीतिक घटनाक्रम बदलेगा. मंत्री के इस बयान को कर्नाटक में संभावित नेतृत्व परिवर्तन का संकेत माने जाने लगा. हालांकि आज इस पर विराम लग गया.
तो क्या किया जा सकता है...
सिद्धारमैया ने पहले कहा था कि कांग्रेस पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह कहां है. राजन्ना ने बस इतना कहा है कि राजनीतिक घटनाक्रम का विकास हो रहा है, उन्होंने यह नहीं कहा कि ऐसी-ऐसी चीजें होंगी. मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर आप अटकलें लगाने वाली खबर लिखते हैं तो क्या किया जा सकता है. इसे नजरअंदाज करना ही बेहतर है.'' उन्होंने राजन्ना के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी कि कर्नाटक में कांग्रेस में सत्ता के कई केंद्र हैं. राजन्ना ने कहा था, ‘‘कर्नाटक में 2013-18 के दौरान सत्ता का सिर्फ एक ही केंद्र था, अब कई हैं - एक, दो, तीन.''
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