फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सीबीआई के एक्टिंग डायरेक्टर के तौर पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ कॉमनकॉज की ओर से अर्जी दाखिल कर नियुक्ति को चुनौती दी गई है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र से दो मुद्दों पर जवाब मांगा कि पूर्व स्पेशल डायरेक्टर आरके दत्ता का सीबीआई में टेन्योर कम करके गृह मंत्रालय में बिना कमेटी की सिफारिश के कैसे भेजा गया. दत्ता कोल और 2G घोटाले की जांच में शामिल थे और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इससे जुड़े अफसरों का ट्रांसफर करने से पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी.
इस पर केंद्र की ओर से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) तुषार मेहता ने कहा कि फिलहाल इसके लिए केंद्र से जरूरी निर्देश लेने होंगे. अब केंद्र इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 16 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करेगा.इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने अर्जी में कहा है कि सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति पीएम, नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई करते हैं जबकि इस मामले में ऐसा नहीं किया गया है. जिन्हें नियुक्त किया जाना था उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को एक्टिंग डायरेक्टर बनाया गया है. याचिका में कहा गया कि नियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति पीएम, नेता प्रतिपक्ष व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की कॉलेजियम करती है लेकिन सरकार ने कॉलेजियम की मीटिंग नहीं बुलाई और सीबीआई के एक्टिंग डायरेक्टर के तौर पर अस्थाना की नियुक्ति कर दी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने मनमाना किया है.
इस सिलसिले में प्रशांत भूषण की ओर से दलील देते हुए कहा गया है कि ये कदम सीबीआई को बर्बाद करने के लिए है. केंद्र ने ऐसे अफसर को गुजरात से लाकर सीबीआई में नियुक्त किया जो सिर्फ दो साल ही सीबीआई में रहा है जबकि 15 साल से सीबीआई में रहे स्पेशल डायरेक्टर आरके दत्ता को दूसरी जगह भेज दिया गया.
वहीं केंद्र की ओर से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) तुषार मेहता ने कहा कि डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए सरकार ने सीजेआई और नेता प्रतिपक्ष को लेटर भेजा है.
इस पर केंद्र की ओर से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) तुषार मेहता ने कहा कि फिलहाल इसके लिए केंद्र से जरूरी निर्देश लेने होंगे. अब केंद्र इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 16 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करेगा.इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने अर्जी में कहा है कि सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति पीएम, नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई करते हैं जबकि इस मामले में ऐसा नहीं किया गया है. जिन्हें नियुक्त किया जाना था उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को एक्टिंग डायरेक्टर बनाया गया है. याचिका में कहा गया कि नियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति पीएम, नेता प्रतिपक्ष व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की कॉलेजियम करती है लेकिन सरकार ने कॉलेजियम की मीटिंग नहीं बुलाई और सीबीआई के एक्टिंग डायरेक्टर के तौर पर अस्थाना की नियुक्ति कर दी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने मनमाना किया है.
इस सिलसिले में प्रशांत भूषण की ओर से दलील देते हुए कहा गया है कि ये कदम सीबीआई को बर्बाद करने के लिए है. केंद्र ने ऐसे अफसर को गुजरात से लाकर सीबीआई में नियुक्त किया जो सिर्फ दो साल ही सीबीआई में रहा है जबकि 15 साल से सीबीआई में रहे स्पेशल डायरेक्टर आरके दत्ता को दूसरी जगह भेज दिया गया.
वहीं केंद्र की ओर से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) तुषार मेहता ने कहा कि डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए सरकार ने सीजेआई और नेता प्रतिपक्ष को लेटर भेजा है.
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