उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ का नाम फिर से सरकार के पास भेजने का फ़ैसला किया है. कॉलेजियम ने शुक्रवार को इसपर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी. साथ ही कॉलेजियम ने कुछ और हाइकोर्ट जजों का नाम भी भेजने का फ़ैसला किया है. इसके लिए नामों पर विचार करने के लिए 16 मई को फिर कॉलेजियम की बैठक बुलाई गई है. उसके बाद ही जस्टिस जोसेफ़ और बाक़ी नामों को मंज़ूरी के लिए केंद्र के पास भेजा जाएगा. आपको बता दें कि कॉलेजियम ने पहले भी जस्टिस जोसेफ़ का नाम केन्द्र के पास भेजा था लेकिन सरकार ने उस पर फिर से विचार करने के लिए वापस भेज दिया था. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कॉलेजियम की बैठक में इसके सभी सदस्यों - न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति जोसेफ कुरियन ने हिस्सा लिया.
कॉलेजियम की एक घंटे तक चली इस बैठक में फैसला किया गया कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के लिये उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के नामों के साथ ही न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की पुन: सिफारिश की जायेगी.कॉलेजियम ने एक प्रस्ताव पारित करके कहा कि केन्द्र को अन्य नाम भेजे जाने के मसले पर आगे विचार की आवश्यकता है और इसलिए उसकी बैठक 16 मई के लिये स्थगित कर दी गयी.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘प्रधान न्यायाधीश और कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में सिद्धांत रूप में यह सहमति बनी है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (मूल उच्च न्यायालय केरल) केएम जोसेफ को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की दुबारा सिफारिश की जाना चाहिए.’’ प्रस्ताव में आगे कहा गया, ‘‘हालांकि, यह दोहराते समय शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिये उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के नामों की भी साथ में सिफारिश की जानी चाहिए, जिसके लिये विस्तृत विचार की आवश्यकता है.’’
VIDEO: जस्टिस चेलामेश्वर ने CJI को लिखी एक और चिट्ठी
इसमें कहा गया, ‘‘इस तथ्य के मद्देनजर, बैठक बुधवार, 16 मई, 2018 के लिये स्थगित की जाती है.’’ कॉलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार से की थी. लेकिन सरकार ने इन्दु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी देने के साथ ही न्यायमूर्ति जोसेफ की फाइल प्रधान न्यायाधीश को पुन: विचार के लिये लौटा दी थी. विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इसके साथ प्रधान न्यायाधीश को पत्र भी लिखकर इसमें कई मुद्दे उठाये थे.
कॉलेजियम की एक घंटे तक चली इस बैठक में फैसला किया गया कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के लिये उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के नामों के साथ ही न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की पुन: सिफारिश की जायेगी.कॉलेजियम ने एक प्रस्ताव पारित करके कहा कि केन्द्र को अन्य नाम भेजे जाने के मसले पर आगे विचार की आवश्यकता है और इसलिए उसकी बैठक 16 मई के लिये स्थगित कर दी गयी.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘प्रधान न्यायाधीश और कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में सिद्धांत रूप में यह सहमति बनी है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (मूल उच्च न्यायालय केरल) केएम जोसेफ को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की दुबारा सिफारिश की जाना चाहिए.’’ प्रस्ताव में आगे कहा गया, ‘‘हालांकि, यह दोहराते समय शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिये उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के नामों की भी साथ में सिफारिश की जानी चाहिए, जिसके लिये विस्तृत विचार की आवश्यकता है.’’
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इसमें कहा गया, ‘‘इस तथ्य के मद्देनजर, बैठक बुधवार, 16 मई, 2018 के लिये स्थगित की जाती है.’’ कॉलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार से की थी. लेकिन सरकार ने इन्दु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी देने के साथ ही न्यायमूर्ति जोसेफ की फाइल प्रधान न्यायाधीश को पुन: विचार के लिये लौटा दी थी. विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इसके साथ प्रधान न्यायाधीश को पत्र भी लिखकर इसमें कई मुद्दे उठाये थे.
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