सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली मामले में जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई. SBI कैपिटल निवेश करने को तैयार है. इससे आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में काम में तेजी आ सकती है. एसबीआई कैपिटल और यूको बैंक लोन देने को तैयार है. एसबीआई कैपिटल और यूको बैंक ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एनबीसीसी को लोन मुहैया कराने के लिए तैयार है.
साथ ही अदालत ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को आम्रपाली के उन सम्पतियों की सूची पेश करने के लिए कहा है, जिन्हें बेचा जाना है. शीर्ष अदालत ने जेपी मॉर्गन और सुरेखा कंपनी को पैसे का भुगतान करने के लिए कहा है. इन कंपनियों पर अम्रपाली द्वारा पैसा डाइवर्ट करने की बात सामने आई है.
वहीं, यूको बैंक ने भी कहा कि वह परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दो हजार करोड़ रुपए का लोन दे सकता है. बैंक का कहना था कि आम्रपाली की 5221 अनसोल्ड प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर ऐसा किया जा सकता है.
सुनवाई के दौरान पीठ ने जेपी मोर्गन के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि बकाया रकम जमा कराने की क्या स्थिति है? पीठ ने कहा कि होमबायर्स का पैसा डाइवर्ट किया गया है, इसलिए जेपी मोर्गन 140 करोड़ रुपये भुगतान का इंतज़ाम करें. रोहतगी ने कहा कि यह सही नहीं है. हमने ऐसा कुछ नहीं किया. जवाब में पीठ ने कहा कि आपने ही किया है. कोर्ट ने अगले हफ्ते तक समय दिया.
कोर्ट ने रिसीवर आर वेंकटरमणि से पूछा, ''MSTP ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मौके से 15 कारें मिलने की बात हुई थी जिनकी बिक्री करनी थी. लेकिन 7 कारें गायब हैं. क्या माजरा है?'' रिसीवर आर वेंकटरमणि ने कहा कि हां मुझे सूचना मिली है कि वो कारें आम्रपाली के किसी कारपोरेट ऑफिस में हैं. कोर्ट ने कहा, पता लगाकर बताएं कि वो कारें किसकी कस्टडी में हैं. वो उनको कैसे ले गए? उनको वापस लाने का इंतज़ाम हो.
कोर्ट ने जेपी मोर्गन से कहा कि भुगतान का इंतज़ाम कराएं क्योंकि बायर्स का पैसा डायवर्ट किया गया है. रोहतगी ने कहा कि ये सही नहीं है हमने ऐसा कुछ नहीं किया. कोर्ट ने कहा, ''आपने ही किया है. अपने क्लाइंट से रकम वापसी को लेकर पूरी बात और प्लान समझ कर हमें बताइए.''
कोर्ट ने आम्रपाली समूह के होटल अब तक ना बेचने पर सवाल पूछे. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ये सैकड़ों कमरों वाले बड़े होटल हैं इनको प्राइवेट पार्टीज को पहले बेचने पर क्यों विचार नहीं हो रहा. निर्माण पर GST माफी पर भी जल्दी प्रक्रिया पूरी करने पर भी कोर्ट ने निर्देश दिया. हरीश साल्वे ने SBI कैप्स की ओर से कहा कि हमारी रिसीवर से बात हुई है जिसमें घर खरीददारों से कुछ राशि जमा कराने पर सहमति बनी है.
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