
ड्रग माफिया साजिद इलेक्ट्रिकवाला अपहरण में कई नए खुलासे सामने आ रहे है. मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया है कि इस अपहरण की साजिश का मास्टरमाइंड सरवर मकसूद खान था, जिसने अपने नेटवर्क के साथ बातचीत और प्लानिंग के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड (Zangi) ऐप का इस्तेमाल किया. ताकि पुलिस की निगाह से बचा जा सके. क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, सरवर ने सभी सह-आरोपियों को सिर्फ इस ऐप के ज़रिए ही कॉल और चैट करने का निर्देश दिया था.
मामले में क्राइम ब्रांच ने अब तक कई मोबाइल फोन, कॉल लॉग्स और चैट हिस्ट्री जब्त कर विश्लेषण शुरू कर दिया है. आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया गया एक इंटरनेट डोंगल भी जब्त किया गया है, जिसे लोकेशन और पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. अपहरण के बाद, सरवर और उसके साथियों ने साजिद के परिवार से कथित तौर पर 51 लाख रुपये फिरौती के रूप में अंगडिया कूरियर नेटवर्क के माध्यम से वसूल किए थे. हालांकि अब तक सिर्फ 95,000 रुपये ही बरामद हुए हैं. शेष रकम की तलाश जारी है.
पुलिस को यह भी संदेह है कि सरवर ने वारदात के दौरान दो हथियारों का इस्तेमाल किया था. जो अब तक बरामद नहीं हुए हैं. जांच में क्राइम ब्रांच को यह भी शक है की सरवर, अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील के भाई अनवर बाबू शेख का रिश्तेदार है. पुलिस के मुताबिक, सरवर ने साजिद को पैसों के लेन-देन को लेकर जान से मारने की धमकी भी दी थी. फिलहाल सरवर समेत कई आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
29 जुलाई तक की पुलिस कस्टडी में
मुंबई क्राइम ब्रांच ने मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जितेन्द्र मंगलसिंह ठाकुर उर्फ अकबर बतला, विजय कृष्णा काले उर्फ सद्दाम (34), और हुसैन अब्दुल फरीद खान. ये तीनों अपहरण में मुख्य भूमिका निभाने के आरोपी हैं. इन्हें एस्प्लानेड कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 29 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है.
5 आरोपी अभी भी फरार
इस केस में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 5 आरोपी अभी भी फरार हैं. पहले गिरफ्तार किए गए और अब न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपियों में युनुस उमर तैवल पिल (40), मोहम्मद तौसीफ मोहम्मद हनीफ झेंडी (37), सतीश भरत कडू (32), संतोष सिताराम वाघमारे (41), सरवर मकसूद खान (43), मेहताब अली मौसम अली खान (40), और राहुल रघुनाथ सावंत (37) शामिल हैं.
24 जुलाई को पुलिस को एक आरोपी ने बताया कि सद्दाम को काम के लिए बुलाया गया था. जिसके बाद दो गाड़ियों और करीब 7–8 साथियों को एक्टिव किया गया. दो पीड़ितों को अलग-अलग गाड़ियों में पवई और नेरल ले जाया गया, जहां उन्हें कथित रूप से बुरी तरह पीटा गया. इससे साफ है कि सद्दाम भी पूरे घटनाक्रम में सक्रिय रूप से शामिल था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं