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संजय राउत ने कहा, कंगना की तरह कामरा को भी मिले सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत

उद्धव ठाकरे की शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत एक बार फिर कॉमेडियन कुणाल कामरा के समर्थन में आगे आए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से कामरा को भी वैसी ही सुरक्षा देने की मांग की है जैसी 2020 में कंगना रनौत को दी गई थी.

संजय राउत ने कहा, कंगना की तरह कामरा को भी मिले सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत
मुंबई:

उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि कॉमेडियन कुणाल कामरा को भी केंद्र उसी तरह सुरक्षा मुहैया कराए जैसे उसने 2020 में उसने अभिनेत्री कंगना रनौत को दी थी. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी करके कामरा विवादों में आ गए हैं. उनके खिलाफ महाराष्ट्र में कई मामले दर्ज कराए गए हैं. कामरा की टिप्पणी के खिलाफ रविवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के एक स्टूडियो में तोड़फोड़ की थी. कामरा के शो की शूटिंग कथित तौर पर इसी स्टूडियो में हुई थी.शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने कामरा को सात अप्रैल तक के लिए अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी. कामरा के खिलाफ मुंबई पुलिस ने पूछताछ के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए दो नोटिस जारी किए थे.

इमरान प्रतापगढ़ी पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

राउत ने कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ कथित तौर पर भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की वकालत करने वाली एक कविता की क्लिप पोस्ट करने के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी स्वागत किया.उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ी की तरह कामरा भी एक कलाकार, कवि और व्यंग्यकार हैं.

राउत ने संवाददाताओं से कहा,''कामरा को अपनी बात (पुलिस के सामने) रखने के लिए मुंबई आना चाहिए. केंद्र ने कंगना रनौत की सुरक्षा इस डर से की कि हम उन पर हमला करेंगे. मैं मांग करता हूं कि कुणाल कामरा को भी विशेष सुरक्षा मिले.''

कुणाल कामरा पर क्या बोले अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को को स्टैंड-अप कॉमेडियन को जारी किए गए समन को उचित ठहराते हुए कहा था कि अगर देश के कानून के अनुसार ऐसा करना आवश्यक है तो किया जाना चाहिए. नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में वैष्णव से इस संबंध में सवाल किया गया था. उनसे पूछा गया था कि क्या पुलिस द्वारा कामरा को तलब करना बहुत कठोर कार्रवाई है. इस सवाल पर उन्होंने कहा था कि अगर देश के कानून के अनुसार ऐसा करना आवश्यक है, तो ऐसा किया जाना चाहिए. वैष्णव ने कहा कि संविधान ने नागरिकों को कुछ अधिकार दिए हैं,लेकिन उनके साथ कुछ कर्तव्य भी हैं. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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