आज दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है, लेकिन इससे पहले एक बार फिर पार्टी अंदरूनी कलह की शिकार हो गई है. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको को चिट्ठी लिख कर अपनी मां शीला दीक्षित की मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. संदीप दीक्षित ने चिट्ठी में अपनी मां की मौत के लिए पीसी चाको द्वारा पैदा की गई राजनीतिक परिस्थितियों को ज़िम्मेदार बताया है. संदीप ने चाको पर क़ानूनी कार्रवाई की बात भी कही है. बताया जा रहा है कि चिट्ठी में इस बात का ज़िक़्र है कि उस समय शीला दीक्षित बीमार चल रही थीं और उनके लिए फ़ैसलों पर चाको ने रोक लगाई थी, जिसकी वजह से वो बेहद तनाव में थीं. 20 जुलाई को अचानक दिल का दौरा पड़ने से शीला दीक्षित का निधन हो गया था.
हालांकि इस मामले में जब संदीप दीक्षित से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा, मैंने कोई कानूनी नोटिस नहीं दिया है. खत मैंने बहुत भेजें हैं. वह उन्हीं (पीसी चाको) से पूछो वह जानें उनका काम जानें'. संदीप दीक्षित ने कहा, 'कोई इमोश्नल मसला नहीं है. कोई लेटर सोनिया जी को नहीं लिखा. पीसी चाको को मैंने पहले भी लेटर लिखा है, अभी लिखा और लिखता रहूंगा. वो जाने उनका काम जानें.
वहीं इस मामले में पीसी चाको ने कहा, 'एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को चिट्ठी भेजना निजी बात है. एक निजी डॉक्यूमेंट है. उसके बारे में बाहर बोलना ठीक नहीं है. उन्होंने मुझे चिट्ठी भेजी थी वह चिट्ठी मैंने कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया क्योंकि हमारे बीच में यह पर्सनल बात नहीं पॉलिटिकल बात है इसलिए मैंने वह चिट्ठी कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दी'. पीसी चाको ने कहा कि जो संदीप दीक्षित जी ने कहा उस पर मैं क्यों बोलूं उनकी चिट्ठी मुझे मिली मैंने वह राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दी. मैंने सोचा कि इसे कांग्रेस अध्यक्ष की जानकारी में लाना है इसीलिए मैंने वह चिट्ठी उनको भेज दी.
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