स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि संघ के सामने कोई व्यक्ति आदर्श नहीं है. उन्होंने कहा कि संघ में सिर्फ भगवा ध्वज ही आदर्श हैं. नागपुर में संघ की ओर से बाल स्वयंसेवकों का शारीरिक कौशल न्वोन्मेष का आयोजन किया गया. इसमें लगभग 800 बाल स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया.
मोहन भागवत ने कहा, 'संघ में कोई व्यक्ति हमारे सामने आदर्श नहीं है. हमारे सामने जो आदर्श है, वो भगवा ध्वज है. हमारे सामने तत्व रूप हैं और तत्व रूप में कोई प्रतीक है तो वह भगवा ध्वज है.' भागवत ने कहा कि आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और इसके शीर्ष नेताओं एम एस गोलवलकर और बालासाहेब देवरस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि भगवा ध्वज आरएसएस का आदर्श है, जिसका मुख्यालय नागपुर में स्थित है.
भागवत नागपुर के यशवंत स्टेडियम मैदान में स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती पर बाल स्वयंसेवकों और अन्य लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘यह (भगवा झंडा) हमारे सिद्धांतों का प्रतीक है. हमारे आदर्श तत्व रूपी हैं और भगवा ध्वज उस तत्व का प्रतीक है.''
भागवत ने कहा, ‘‘यदि आप किसी व्यक्ति को एक आदर्श के रूप में चाहते हैं, तो तीनों (आरएसएस प्रमुखों) ने कहा है कि प्राचीन काल से हमारे आदर्श रामभक्त भगवान हनुमान हैं और इतिहास काल से, हमारे आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज हैं.''
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि स्वयंसेवक व्यक्तिगत इच्छाओं की पूर्ति के लिए संघ की शाखाओं में नहीं आते, बल्कि वे देश की सेवा के लिए आते हैं. भागवत ने कहा कि बचपन के शुरुआती वर्षों में, स्वयंसेवक शाखाओं के कार्यक्रमों के प्रति आकर्षित होते हैं. लेकिन किशोरावस्था में ही उन्हें अहसास हो जाता है कि वे संघ में देश की सेवा करने आए हैं.
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