विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रथम भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रविवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे हैं. सऊदी अरब के प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी ने रियाद में जयशंकर का स्वागत किया. बता दें, जयशंकर 8-9 सितंबर को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर हैं.
रियाद पंहुचने पर एक्स पर पोस्ट करते हुए एस जयशंकर ने लिखा, "मैं प्रथम भारत-खाड़ी सहयोग परिषद विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रियाद, सऊदी अरब पहुंच गया हूं. गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी को धन्यवाद." विदेश मंत्रालय (एमईए) की प्रेस रिलीज के अनुसार, रियाद की अपनी यात्रा के दौरान, वह जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.
Arrived in Riyadh, Saudi Arabia to take part in the First India - Gulf Cooperation Council Foreign Ministers' Meeting.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 8, 2024
Thank Abdulmajeed Al Smari, Deputy Minister for Protocol Affairs for the warm reception. pic.twitter.com/cZBtBIYBdW
अपनी रिलीज में विदेश मंत्रालय ने बताया, "भारत और जीसीसी के बीच राजनीति, ट्रेड और निवेश, एनर्जी कोओपरेशन, कल्चर और लोगों के बीच संबंधों सहित क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं". इसमें यह भी कहा गया है कि, "जीसीसी एक महत्वपूर्ण व्यापारी साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 8.9 मिलियन की संख्या में भारतीय प्रवासी समुदाय रहते हैं. विदेश मंत्रियों की यह मीटिंग भारत और जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर है."
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) क्या है?
छह मध्य पूर्वी देशों - सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन और ओमान का यह एक राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है. जीसीसी की स्थापना 1981 में सऊदी अरब के रियाद में हुई थी. जीसीसी का उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच उनके साझा उद्देश्यों और उनकी समान राजनीति और सांस्कृतिक पहचान के आधार पर एकता प्राप्त करना है, जो अरब और इस्लामी संस्कृतियों में निहित है. इस परिषद की अध्यक्षता हर साल बदलती रहती है.
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है जीसीसी?
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) भारत का सबसे बड़ा क्षेत्रीय-ब्लॉक व्यापार भागीदार है. वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी के साथ व्यापार भारत के कुल व्यापार का 15.8% था, जबकि यूरोपीय संघ के साथ कुल व्यापार का 11.6% था. यूएई हमेशा से खाड़ी के भीतर भारत का प्रमुख व्यापारिक भागीदार रहा है और कुल मिलाकर भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जबकि सऊदी अरब चौथे स्थान पर है. (इनपुट एजेंसी से भी)
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