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'डोनाल्ड ट्रंप भारत के दोस्त हैं या दुश्मन?' , जानिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने हंसराज कॉलेज में हुए इंटरैक्टिव सेशन में भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश के बारे में बदलती सोच पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय बताते हैं.

'डोनाल्ड ट्रंप भारत के दोस्त हैं या दुश्मन?' , जानिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा
भारत-अमेरिका रिश्तों पर एस जयशंकर.
नई दिल्ली:

भारत और अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध (India US Relations) हैं, ये हाल ही में पूरी दुनिया ने देखा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के मजबूत संबंधों पर जोर देते हुए गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (S Jaishankar On Donald Trump) को "अमेरिकी राष्ट्रवादी" बताया. एस जयशंकर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में एक इंटरैक्टिव सेशन में  वैश्विक कूटनीति की विकसित प्रकृति और इसे लेकर भारत के दृष्टिकोण पर बात की. 

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डोनाल्ड ट्रंप भारत के दोस्त हैं या दुश्मन, इस सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने कहा, "मैं हाल ही में उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ था और हमारे साथ उनका व्यवहार अच्छा व्यवहार था. मेरा मानना ​​है कि वह एक अमेरिकी राष्ट्रवादी हैं."

"सिलेबस से बाहर चलानी होंगी विदेश नीतियां"

विदेश मंत्री ने ये भी स्वीकार किया कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक मामलों में अहम बदलाव ला सकती हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत की विदेश नीति राष्ट्रीय हित द्वारा निर्देशित होती रहेगी. उन्होंने कहा कि हां ट्रंप बहुत सी चीजों को बदल देंगे. हो सकता है कि कुछ चीजें सिलेबस से बाहर हो जाएं, लेकिन हमको देश के हित में विदेश नीतियों को सिलेबस से बाहर चलाना होगा.

कई मुद्दों पर मतभेद, तो कई पर एक साथ

एस जयशंकर ने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हो सकते हैं, जहां हमारे बीच मतभेद हैं, लेकिन कई ऐसे क्षेत्र भी होंगे, जहां चीजें हमारे शेड में होंगी. विदेश मंत्री ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मजबूत निजी संबंधों पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हैं. पीएम मोदी के ट्रंप के साथ अच्छे निजी रिश्ते हैं. 

विश्व में भारत का बढ़ता प्रभाव

हंसराज कॉलेज में हुए इंटरैक्टिव सेशन में विदेश मंत्री ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश के बारे में बदलती सोच पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय बताते हैं. उनको लगता है कि इससे उन्हें कहीं फ्लेन में सीट पाने में मदद मिलेगी. 

"मेरा राजनीति में आना एक्सीडेंटल"

एस जयशंकर ने अपने करियर पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह ब्यूरोक्रेट्स बनेंगे. राजनीति में वह एक्सीडेंटली आ गए या फिर इसे भाग्य कहें, या इसे मोदी कहें. पीएम मोदी ने उनको इस तरह से आगे बढ़ाया कि कोई भी ना नहीं कह सकता.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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