इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतीर को लेकर छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच एक बार फिर जमकर बवाल हुआ. आरोप है कि आंदोलन कर रहे छात्रों ने कथित तौर पर एफआरसी विभाग में एडमिशन के चेयरमैन प्रोफेसर आशीष सक्सेना और कुलपति के सिवा सलाहकार प्रोफेसर मनमोहन कृष्णा को बंधक बना लिया. आरोप है कि लगभग दो दर्जन छात्र प्रोफेसरों को एफआरसी विभाग की सीढ़ियों पर घेर कर बैठ गए और विभाग का गेट बंद कर दिया. इस दौरान छात्रों की मांग थी कि प्रवेश प्रक्रिया को स्थगित कर पहले फीस वृद्धि वापस ली जाए. छात्रों ने प्रोफेसरों को रोकने के बाद कहा क हमने उन्हें बंधक बनाया है जबकि वहां मौजूद प्रोफेसरों ने ऐसा किए जाने से साफ इनकार कर दिया.
प्रोफेसरों ने कहा कि छात्रों ने हमे बंधक नहीं बनाया है वो सिर्फ फीस बढ़ोतरी के मामले पर बादत करने के लिए आए हैं. छात्रों द्वारा प्रोफेसर को बंधक बनाए जाने की सूचना मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन भारी संख्या में पुलिस बल को बुला लिया. इसके बाद पुलिस ने उन सभी छात्रों को हिरासत में ले लिया जिन्होंने प्रोफेसरों को बंधक बनाया था. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच तीखी झड़प भी हुई. पुलिस ने छात्रों को काबू करने के लिए बल का प्रयोग भी किया.
बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए एक दूसरी एफआईआर (FIR) दर्ज कराई थी. यह एफआईआर 16 सितंबर की है जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन के पास के गेट में सुरक्षा के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन ने ताला लगाया था जिसे आंदोलनरत छात्रों ने तोड़ दिया. एक छात्र ने आज अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की. पुलिस ने उसे पकड़ लिया था.
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोप लगाया था कि छात्रों ने गार्डों के साथ धक्का-मुक्की की और अराजकता का माहौल बनाया. जो छात्र आंदोलन कर रहे हैं उसमें से कई छात्रों को विश्वविद्यालय ने निष्कासित कर दिया है और कई पर उनकी गतिविधियों को देखते हुए विश्वविद्यालय मैं प्रवेश पर रोक लगाई गई है. ऐसे कुछ छात्रों को नामजद कर एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
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