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This Article is From Oct 16, 2015

कार्यकर्ताओं को नहीं बुलाने के विरोध के बीच पीएम ने कहा - RTI मतलब सवाल करने का अधिकार

कार्यकर्ताओं को नहीं बुलाने के विरोध के बीच पीएम ने कहा - RTI मतलब सवाल करने का अधिकार
नई दिल्ली: आरटीआई के सालाना सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों के पास सरकार पर सवाल उठाने का अधिकार होना चाहिए। इससे लोकतंत्र में भरोसा बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में किसी भी तरह के गोपनीयता रखने की ज़रूरत नहीं है।

दूसरी ओर दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए इस कार्यक्रम का कई जाने माने कार्यकर्ताओं ने इसलिए बहिष्कार किया क्योंकि सिर्फ 10 आरटीआई कार्यकर्ताओं को ही निमंत्रण दिया गया था। इनमें से केवल 3 ने ही कार्यक्रम में हिस्सा लिया और बाकी 30 कार्यकर्ताओं ने पीएम के भाषण के दौरान विज्ञान भवन के बाहर प्रदर्शन किया।

कार्यकर्ताओं के पृष्ठभूमि की जांच

जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय को भी कार्यक्रम में बुलाया गया था लेकिन वह नहीं गई। गुरुवार को प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसी ने कई कार्यकर्ताओं के बैकग्राउंड को चेक किया था और कईयों को सुरक्षा कारणों से नहीं बुलाया गया। रॉय ने बाकी सभी आमंत्रित कार्यकर्ताओं के साथ उन लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार किया जिन्हें सम्मेलन में नहीं बुलाया गया था।

हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि ऐसी पूछताछ बड़ी ही सामान्य सी बात है। साथ ही यह भी कि विज्ञान भवन में केवल 1300 लोगों के बैठने की जगह है इसलिए कम लोगों को आमंत्रित किया गया। हालांकि पीएम के संबोधन के दौरान आधे से ज्यादा कुर्सियां खाली थीं। बीते सालों में 200 से ज्यादा आरटीआई कार्यकर्ताओं ने वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लिया है जिसे हर बार राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री संबोधित करते हैं। इस साल सम्मेलन में आरटीआई एक्ट की 10वीं सालगिरह मनाई गई।

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