
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह सी. आर. मुकुंद का कहना है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए महाकुंभ ने हिंदू समाज का आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया है. इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर को लेकर चिंता जताई जहां पिछले काफी समय से हिंसा अशांति है.
बेहद खास रहा महाकुंभ
प्रयागराज में हुए महाकुंभ में 60 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. सह सरकार्यवाह ने कहा कि महाकुंभ ने हिंदू समाज का आत्मविश्वास बढ़ाया है. पूरे विश्व के लिए महाकुंभ बेहद खास रहा है. ये संस्कृति और धर्म का समागम था, जिसे पूरे विश्व ने देखा. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार की महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रशंसा की.
मणिपुर में कब होगी शांति
डेढ़ साल से ज्यादा समय से मणिपुर अशांत है. सह सरकार्यवाह सी. आर. मुकुंद ने कहा कि मणिपुर को लेकर संगठन बहुत चिंतित है. 20 महीने से वहां अशांति है, केन्द्र सरकार के फैसले जो कि कुछ प्रशासनिक हैं कुछ राजनीतिक हैं, कुछ संतुष्टि दे रहे हैं. इन फैसलों से मणिपुर के लोगों की आशा बढ़ी है. उत्तर दक्षिण को बांटने वाली ताकतों पर हमारा ध्यान है. हमारे कार्यकर्ता हार्मोनी के लिए काम कर रहे हैं. हम मणिपुर के लोगों की मदद कर रहे हैं, ताकि दोनों समाज साथ आये. हमने दोनों के साथ कई बैठक भी की हैं. मणिपुर में अशांति के अलग-अलग कारण हैं. हम दोनों समुदाय के लीडरशिप से बात कर रहे हैं. केंद्र अपना काम कर रही है, हम भी शांति के लिए काम कर रहे हैं. उम्मीद है कि हालात यहां जल्द ही सामान्य होंगे.
डिलिमिटेशन का मुद्दा राजनीति से प्रेरित
सह सरकार्यवाह सी. आर. मुकुंद का कहना है कि डिलिमिटेशन का मुद्दा राजनीति से प्रेरित हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि जो मौजूदा अनुपात है, उसी के हिसाब से विस्तार किया जाएगा. बाकी सारे आरोप राजनीति से प्रेरित लगते हैं. आपस में झगड़ा देश के लिए अच्छा नहीं हैं.
आरएसएस का मानना है कि मातृभाषा सर्वोपरि है. हमने कभी थ्री लेंग्वेज को लेकर प्रस्ताव पारित नहीं किया है. मातृ भाषा के अलावा काम के लिए और नौकरी के अलग भाषा सीखना जरूरी है. साथ ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सह सरकार्यवाह सी. आर. मुकुंदा ने कहा कि हमारा मत है, हर किसी की पहचान जरूरी है.
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