आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने गुरुवार को कहा कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) को लेकर "संतुलित रुख" रखा है, लेकिन इसने देश के सामने सुरक्षा और वित्तीय चुनौतियों को भी बढ़ा दिया है. आरएसएस पदाधिकारियों के प्रशिक्षण शिविर में बोलते हुए भागवत ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और विरोध प्रदर्शन हुए. हमले को रोकने के लिए कोई भी यूक्रेन जाने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि रूस के पास शक्ति है और उसने परमाणु बम का उपयोग करने की धमकी दी थी. उन्होंने कहा कि यूक्रेन की मदद करने वाले देशों के इरादे भी पवित्र नहीं थे और उन्होंने दावा किया कि वे यूक्रेन को अपनी क्षमता का परीक्षण करने के लिए गोला-बारूद दे रहे थे.
भागवत ने कहा कि भारत जो सच बोल रहा है, उसने सौभाग्य से संतुलित रुख अपनाया है. आरएसएस प्रमुख ने कहा, "भारत ने आक्रमण का समर्थन नहीं किया, न ही उसने रूस का विरोध किया. यह युद्ध में यूक्रेन की मदद नहीं कर रहा है, लेकिन अन्य सभी तरीकों से मदद कर रहा है और रूस से बार-बार बातचीत के माध्यम से मामले को सुलझाने के लिए कह रहा है."
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भागवत ने कहा, "यदि भारत पर्याप्त शक्तिशाली होता तो इस युद्ध को रोक देता, लेकिन वह अभी ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि वह अपनी शक्ति बढ़ाने की प्रक्रिया में है और अभी पूरी तरह से शक्तिशाली नहीं है." उन्होंने यह भी सवाल किया कि चीन इस युद्ध को रोकने की कोशिश क्यों नहीं कर रहा है.
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उन्होंने कहा, "इस युद्ध ने देश के लिए सुरक्षा और वित्तीय चुनौतियां बढ़ा दी हैं और हमें अपने प्रयासों को बढ़ाने और शक्तिशाली बनने की जरूरत है."
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