लॉकडाउन (Lockdown) से राहत के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जैसे राज्यों में श्रम कानूनों में अहम बदलाव के सवाल पर संघ परिवार में अंदरूनी मतभेद सामने आ गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी भारतीय मजदूर संघ यानी बीएमएस बीजेपी-शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य सरकारों द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव करने के फैसले के विरोध में खड़ी हो गई है.
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने NDTV से कहा, "हम राज्य सरकारों की इस पहल के सख्त खिलाफ हैं. बीएमएस नेताओं ने श्रम कानून में बदलाव करने के राज्य सरकारों के फैसले की समीक्षा की है. हम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत हर राज्य सरकार से ये पूछना चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने में मौजूदा श्रम कानून कैसे रोड़ा बन रहे हैं? हम किसी भी हालत में श्रमिकों के अधिकारों को स्थगित करने के फैसले के सख्त खिलाफ हैं."
ये तय किया गया है कि भारतीय मजदूर संघ की राज्य इकाइयां अब श्रम कानून में किए जा रहे बदलाव के खिलाफ अपना विरोध लेकर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के पास जाएंगी. सभी राज्य इकाइयों से कहा गया है कि वह मुख्यमंत्रियों के सामने इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध जताएं. पिछले शुक्रवार को ही बीएमएस के बड़े नेता गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिले थे और उनके सामने प्रवासी मजदूरों की पीड़ा और श्रमिकों में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताई थी.
दरअसल इस मसले पर बड़े श्रमिक संगठन लामबंद हो रहे हैं और राज्य सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं.
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