Labour Laws Uttar Pradesh
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योगी सरकार ने बदला श्रम कानून (Labour Laws): पढ़ें 12 घंटे की नौकरी पर कितना अब सैलरी में कितना और जुड़ेगा
- Wednesday May 13, 2020
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए लॉकडाउन की मार उद्योग-धंधों पर बुरी तरह से पड़ी है. बाजार में मांग कम होने से उत्पादन कम हो रहा है और फैक्टरियों से मजदूर, कामगार की या तो नौकरी जा रही है या फिर उनकी सैलरी में कटौती हो रही है. सबसे ज्यादा प्रभावित असंगठित क्षेत्र के मजदूर हुए हैं. रियल सेक्टर में काम बंद होने से कई बड़े प्रोजेक्ट बंद पड़े हैं और मजदूरों के पास काम नहीं है. कंपनियों और फैक्टरियों को घाटा हो रहा है. उद्योग धंधों को इससे उबारने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले तीन सालों तक श्रम कानूनों में छूट देने का फैसला किया है. जिसका विरोध विपक्ष के साथ-साथ आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने किया है.
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ndtv.in
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उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश में श्रम कानून में बदलाव पर RSS परिवार में मतभेद, विरोध में उतरी BMS
- Monday May 11, 2020
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने NDTV से कहा, "हम राज्य सरकारों की इस पहल के सख्त खिलाफ हैं. बीएमएस नेताओं ने श्रम कानून में बदलाव करने के राज्य सरकारों के फैसले की समीक्षा की है. हम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत हर राज्य सरकार से ये पूछना चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने में मौजूदा श्रम कानून कैसे रोड़ा बन रहे हैं? हम किसी भी हालत में श्रमिकों के अधिकारों को स्थगित करने के फैसले के सख्त खिलाफ हैं."
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ndtv.in
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Uttar Pradesh: श्रम कानून में बदलाव पर तकरार, विपक्ष के आरोपों पर सरकार का दावा- मजदूरों के हित में लाए अध्यादेश
- Saturday May 9, 2020
यूपी श्रम अधिनियमों (Labour Laws) में लॉकडाउन के चलते बदलाव किया है. यह बदलाव तीन वर्ष तक प्रभावी रहेंगे. प्रदेश में लंबे समय से उद्योग को चलाने के साथ उनको छूट देने पर सहमति बन गई है. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में उद्योग शुरू करने की अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर अब एक वर्ष तीन माह किया जा सकता है.
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- Wednesday May 13, 2020
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए लॉकडाउन की मार उद्योग-धंधों पर बुरी तरह से पड़ी है. बाजार में मांग कम होने से उत्पादन कम हो रहा है और फैक्टरियों से मजदूर, कामगार की या तो नौकरी जा रही है या फिर उनकी सैलरी में कटौती हो रही है. सबसे ज्यादा प्रभावित असंगठित क्षेत्र के मजदूर हुए हैं. रियल सेक्टर में काम बंद होने से कई बड़े प्रोजेक्ट बंद पड़े हैं और मजदूरों के पास काम नहीं है. कंपनियों और फैक्टरियों को घाटा हो रहा है. उद्योग धंधों को इससे उबारने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले तीन सालों तक श्रम कानूनों में छूट देने का फैसला किया है. जिसका विरोध विपक्ष के साथ-साथ आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने किया है.
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- Monday May 11, 2020
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यूपी श्रम अधिनियमों (Labour Laws) में लॉकडाउन के चलते बदलाव किया है. यह बदलाव तीन वर्ष तक प्रभावी रहेंगे. प्रदेश में लंबे समय से उद्योग को चलाने के साथ उनको छूट देने पर सहमति बन गई है. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में उद्योग शुरू करने की अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर अब एक वर्ष तीन माह किया जा सकता है.
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