कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होते ही आरपीएन सिंह ने अपने सियासी तेवर दिखाए हैं. यूपी में पिछले पांच सालों में विकास से जुड़े मुद्दों को लेकर गानों के जरिये छिड़ी जंग में वो भी कूद पड़े हैं. पूर्वांचल से ताल्लुक ऱखने वाले आरपीएन सिंह ने 'यूपी में का बा' के जरिये चल रहे सियासी युद्ध में अपनी राय रखी है. आरपीएन ने भोजपुरी में कहा, यूपी में का बा, बीजेपी का निर्माण बा, गुंडागर्दी या गुंडन की समाप्ति बा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, कुछ साल पहले मालूम रहल किस तरह की गुंडई होत रहल, किस तरह की बदमाशी होत रहल, सब बंद हो गई बा ना.. डबल इंजन की सरकार, योगी जी ठीक कर दी हैं.कानून, कांस्टीट्यूशन से प्रेम से काम करा और विकसित करा उत्तर प्रदेश का. बुझनी ना, लाठी बा, डंडा बा, सोज रहा वरना पुलिसिया ठीक कर दी. नहीं तो योगी जी कर दिहैं.
दरअसल, 'यूपी में का बा' की थीम पर गानों के साथ बीजेपी और विरोधी दलों के बीच सियासी वार चल रहा है. बीजेपी से सांसद और कलाकार रवि किशन ने यूपी में का बा का गाना गाया है, जिसमें यूपी में विकास बा को धार दी गई है. इसमें यूपी के हाईवे, नए मेडिकल कॉलेज और अन्य विकास कार्यों का बखान किया गया है. जबकि कुछ दिनों पहले भोजपुरी गायिका नेहा राठौड़ ने इसी गाने के जरिये बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था. इसमें यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान की स्थिति, हाथरस रेप कांड जैसे मुद्दों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने की कोशिश की गई है.
आरपीएन सिंहका पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (RPN Singh) है. वो जब 2009 में जीते तो पहली बार संसद पहुंचने पर ही कांग्रेस ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया था.कांग्रेस ने तब उन्हें केंद्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री बना दिया था. बाद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की अहम जिम्मेदारी भी दी गई. आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पडरौना राजपरिवार के सदस्य हैं. उन्हें पडरौना का राजा साहब भी कहा जाता है.
कुशीनगर में स्थानीय लोग उन्हें राजा साहब बुलाते हैं. आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में हुआ था. आरपीएन के पिता कुंवर सीपीएन सिंह कुशीनगर से सांसद थे. वह 1980 में इंदिरा गांधी की कैबिनेट में रक्षा राज्यमंत्री हुआ करते थे. दून स्कूल से पढ़े आरपीएन पडरौना विधानसभा सीट से 1996, 2002 और 2007 में कांग्रेस के विधायक रहे. वर्ष 2009 में वो लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने. तब उन्होंने पिछड़ा वर्ग के दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को हराया था.
कांग्रेस सरकार में उन्होंने पेट्रोलियम, राजमार्ग और भूतल परिवहन मंत्री का पद भी संभाला. मनमोहन सिंह की सरकार में वह गृह राज्यमंत्री भी रहे . कुछ दिनों पहले तक वो झारखंड कांग्रेस के प्रभारी थे और कांग्रेस ने यूपी में उन्हें अपने स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल किया था. आरपीएन ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने 1997 से 1999 तक वह यूपी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली.
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