राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनके परिवार एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत कुछ संपत्तियां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कुर्क किये जाने के बाद केंद्र की आलोचना की और कहा कि ऐसी कार्रवाई विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के रास्ते में बाधा खड़ी करने के लिए की गयी है.राजद सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने ईडी पर प्रसाद एवं उनके परिवार के खिलाफ जांच के बारे में मीडिया में ‘कहानियां प्लांट करने' का आरोप लगाया तथा दावा किया कि सरकार ने विपक्षी नेताओं को ‘निशाना बनाने' के लिए ईडी के प्रमुख के कार्यकाल के विस्तार की मांग की थी.
ईडी ने सोमवार को कहा कि उसने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार-- उनकी पत्नी राबड़ी देवी एवं बेटी मीसा भारती' और उनसे संबद्ध कंपनियों की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है . उसने कहा कि रेलवे की नौकरियों के बदले में जमीन हासिल करने से संबंधित कथित घोटाले के सिलसिले में धनशोधन जांच के तहत यह कार्रवाई की गयी है. प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि पटना, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में छह अचल संपत्तियों तथा दक्षिण दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में चार मंजिले बंगले (डी-1088) को कुर्क करने के लिए धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत अंतरिम आदेश जारी किया गया.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए झा ने कहा, ‘‘ हमने ऐसे व्यक्ति के बारे में 27 जुलाई को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था, जिन्हें ईडी प्रमुख के रूप में सेवा विस्तार दिया गया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद उनके पास कोई विकल्प नहीं रह गया , इसलिए वे पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड की सरकारों को अस्थिर करेंगे. मीडिया में जो यह खबर प्रसारित हो रही है कि लालू प्रसाद के परिवार की छह करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गयी है, सही नहीं है. यह राजनीतिक हथकंडा है और सफल नहीं होगा.''
उन्होंने कहा, ‘‘ जब हमने ईडी में संबंधित व्यक्ति के बारे में प्रश्न उठाया था, तभी हमें पता चल गया था कि वे क्या करने जा रहे हैं. वे ऐसी कहानियां बनायेंगे जिसका मकसद इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (इंडिया) को बाधित करना है. लेकिन आप ऐसा नहीं कर पायेंगे.'' विपक्ष ने ईडी प्रमुख के रूप में संजय कुमार का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर शुक्रवार को केंद्र की आलोचना की थी और आरोप लगाया कि यह ‘निहित राजनीतिक मकसद' के साथ किया गया और इसका लक्ष्य इंडिया गठबंधन के नेताओं को निशाना बनाना है तथा ‘झूठे मामलों' से इस गठबंधन को कमजोर करना है.
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