
242 लोगों को ले जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर गुरुवार, 12 जून की दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह भारत में अब तक की सबसे खराब विमान हादसे में से एक है. लंदन जा रहे इस विमान में 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट थे. 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति - सीट नंबर 11ए का यात्री - दुर्घटना में बचा है.
अब सबकी जुबान पर एक ही सवाल है कि आखिर यह हादसा हुआ क्या. एविएशन फिल्ड के एक्सपर्ट और पायलट हादसे को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं, जैसे- क्या विमान के दोनों इंजन में एक साथ खराबी आ गई? क्या जेट फ्यूल में खराबी या किसी ब्लॉकेज के कारण इंजन खराब हो गए? क्या उड़ान भरने के लिए पंखों पर लगे फ्लैप को नीचे उतारा गया था?...
आखिर विमान के साथ हुआ क्या?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, दोनों इंजनों के फेल होना या टेक-ऑफ के तुरंत बाद एक पक्षी का टकराना, वो संभावित कारणों में से एक हो सकते हैं, जिसके कारण एयर इंडिया के विमान की घातक दुर्घटना हुई.
तीन सीनियर वाइड-बॉडी पायलट, जो ट्रेनिंग भी देते हैं, उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दुर्घटना के वीडियो को देखकर ऐसा लगता है कि दोनों इंजन टेक-ऑफ के लिए आवश्यक जोर हासिल नहीं कर सके, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद आवासीय क्षेत्र में एक घातक दुर्घटना हुई.
अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाले इस बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे से स्पष्ट कारणों का पता विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा विस्तृत जांच पूरी होने के बाद ही चलेगा.
दोनों इंजन फेल या कोई तकनीकी चूक…
एक्सपर्ट्स ने विमान के नीचे गिरने के उपलब्ध वीडियो के आधार पर संभावित कारणों का उल्लेख किया.
एक कमांडर ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि यह एक इंजन फेल होने का मामला है क्योंकि ऐसी स्थिति में विमान झूल रहा होगा लेकिन यहां विमान स्थिर था. एक कमांडर ने कहा, "तो, दोनों इंजनों के फेल होने की संभावना है... दोनों इंजनों में थ्रस्ट खत्म हो सकती है. लेकिन ये केवल संभावनाएं हैं." उन्होंने कहा कि वीडियो से ऐसा लगता है कि उड़ान भरने के समय या तो फ्लैप ऊपर थे या लैंडिंग गियर नीचे था.
तीसरे कमांडर ने कहा कि विमान के दोनों इंजनों की शक्ति खत्म हो गई होगी. हो सकता है कि एक इंजन फेल हो गया हो और संभवतः उड़ान भरने के बाद लैंडिंग गियर को वापस न खींचे जाने के कारण, दूसरे इंजन में पर्याप्त शक्ति न हो.
ऐसे भी सुझाव हैं कि विमान का वजन परमिशन वाली सीमा से अधिक हो सकता है, लेकिन इसपर कमांडर ने कहा कि अगर ऐसा होता, तो टेक-ऑफ ही संभव नहीं होता. विमान का वजन V1 गति या टेक-ऑफ गति निर्धारित करता है. यदि कैल्कुलेट की गई गति आवश्यकता से कम है, तो इंजन विमान को हवा में ले जाने के लिए संघर्ष करेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं