रायपुर:
रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (ए) के प्रमुख तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के भीतर आपसी कलह का लाभ भारतीय जनता पार्टी को होगा.
अठावले ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और बेहतर काम करने के कारण यहां बार-बार सत्ता में आ रही है. वहीं कांग्रेस यहां आपस में लड़ रही है. उत्तर प्रदेश में भी लगभग यही हाल है. वहां समाजवादी पार्टी आपस में लड़ रही है, जिसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा.
उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत सुनिश्चित कराने के लिए उनकी पार्टी दलित वोटों को भाजपा के पक्ष में कर सकती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनाव में आरपीआई (ए) और भाजपा के मध्य गठबंधन को लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की है. यदि दोनों पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ती है तब दलित वोटों का लाभ उन्हें मिल सकता है.
अठावले ने कहा कि उत्तर प्रदेश में केवल मायावती का ही दलित वोटों पर अधिकार नहीं है. यहां आरपीआई भी है. आरपीआई बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की वास्तविक पार्टी है. यदि आरपीआई भाजपा के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ती है तब पार्टी (आरपीआई) 15 से 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.. लेकिन यदि चुनाव मैदान में अकेले उतरती हैं तब पार्टी 150 से 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि जीत के बाद वह अपना समर्थन भाजपा को ही देंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अठावले ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और बेहतर काम करने के कारण यहां बार-बार सत्ता में आ रही है. वहीं कांग्रेस यहां आपस में लड़ रही है. उत्तर प्रदेश में भी लगभग यही हाल है. वहां समाजवादी पार्टी आपस में लड़ रही है, जिसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा.
उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत सुनिश्चित कराने के लिए उनकी पार्टी दलित वोटों को भाजपा के पक्ष में कर सकती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनाव में आरपीआई (ए) और भाजपा के मध्य गठबंधन को लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की है. यदि दोनों पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ती है तब दलित वोटों का लाभ उन्हें मिल सकता है.
अठावले ने कहा कि उत्तर प्रदेश में केवल मायावती का ही दलित वोटों पर अधिकार नहीं है. यहां आरपीआई भी है. आरपीआई बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की वास्तविक पार्टी है. यदि आरपीआई भाजपा के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ती है तब पार्टी (आरपीआई) 15 से 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.. लेकिन यदि चुनाव मैदान में अकेले उतरती हैं तब पार्टी 150 से 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि जीत के बाद वह अपना समर्थन भाजपा को ही देंगे.
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