आम आदमी पार्टी में चल रही खींचतान को पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दो विचारधाराओं की लड़ाई बताया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने एनडीटीवी से बातचीत में माना कि पार्टी में टकराव दो अलग-अलग विचारधारा को लेकर चल रहा है। उनकी नज़र में गतिरोध इस बात पर है कि पार्टी के लिए सिद्धांत ज़्यादा ज़रूरी हैं या फिर चुनावों में जीत।
पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता ये मानते हैं कि किसी भी पार्टी की पहचान सिद्धांतों से बनती है, चुनावों में हार-जीत से नहीं। उनकी नज़र में पार्टी को अपने सिद्धांतों को पीछे करके आगे नहीं बढ़ना चाहिए। उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि अब पार्टी को ये तय करना होगा कि उसके लिए चुनाव जीतना ज़्यादा ज़रूरी है या फिर पार्टी के सिद्धांत।
AAP के वरिष्ठ नेताओं के रुख से साफ है कि आम आदमी पार्टी में अंदरूनी घमासान जारी है और मार्च के आखिर में नेशनल काउंसिल की बैठक से पहले फिर से पार्टी के काम करने के तौर-तरीके, उसकी भविष्य कि दिशा तय करने से लेकर विचारधारा तय करने तक पर गतिरोध फिर तेज़ हो रहा है।
इससे पहले मयंक गांधी ब्लॉग के ज़रिए पार्टी में पार्दर्शिता की कमी का सवाल उठा चुके हैं। हालांकि वो ये दावा भी कर रहे हैं कि उनकी मंशा पार्टी संगठन को कमजोर करने की नहीं उसे और पारदर्शी और मज़बूत बनाने की है। उधर पार्टी के नेता आशुतोष ने कहा है कि हाल के विवादों से पार्टी की छवि पर बुरा असर पड़ा है और अब पार्टी की नेशनल काउंसिल ये तय करेगी कि पार्टी आगे क्या रणनीति अख्तियार करेगी।
साफ है कि योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी से बाहर किये जाने के दौरान जो सवाल उठे थे, वो थमने का नाम नहीं ले रहे। पार्टी को आज भी उन्हीं सवालों से निपटना पड़ रहा है।
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