कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन सोमवार को 10वें दिन में प्रवेश कर गया है. इस मामले का समाधान निकालने के लिए आज पश्चिम बंगाल सरकार और विभिन्न डॉक्टर एसोसिएशन की अहम बैठक होने जा रही है. मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड स्थित मंच पर आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की संख्या घटकर अब छह रह गई है. दरअसल, अनशन पर बैठे डॉक्टर पुलस्त्य आचार्य की हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें रविवार देर रात को अस्पताल भर्ती कराया गया.
आचार्य को रविवार रात करीब 11 बजे एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसी अस्पताल में वह खुद जूनियर डॉक्टर के रूप में कार्यरत हैं. उन्हें लगातार भूख हड़ताल के कारण पेट में तेज दर्द और उल्टी की शिकायत हुई थी.
पुलस्त्य आचार्य से पहले आरजी कर के अनिकेत महतो, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अनुस्तुप मुखोपाध्याय और दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आलोक वर्मा का स्वास्थ्य बिगड़ गया था, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक निर्धारित की गई है, जिसमें विभिन्न डॉक्टर संघ भी शामिल होंगे. यह बैठक सोमवार को दोपहर 12:30 बजे कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके साल्ट लेक में स्थित राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन में आयोजित की जाएगी. इस बैठक का उद्देश्य इस मुद्दे पर चल रहे गतिरोध का समाधान ढूंढना है.
इस बीच, विभिन्न निजी अस्पतालों से जुड़े डॉक्टरों ने सोमवार सुबह छह बजे से अपने-अपने अस्पतालों में आंशिक रूप से काम बंद कर दिया है. डॉक्टर बुधवार सुबह छह बजे तक काम बंद रखेंगे. इस दौरान इन निजी अस्पतालों में केवल आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं ही उपलब्ध रहेंगी.
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