भोपाल:
मध्य प्रदेश विधानसभा से बर्खास्त कांग्रेस के दो सदस्यों की बहाली का प्रस्ताव शुक्रवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी ने सदन के फैसले को ऐतिहासिक कदम करार दिया।
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 18 जुलाई को राज्य विधानसभा में हुए हंगामे के दौरान कार्यवाहक अध्यक्ष के साथ अभद्रता करने के आरोप में सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस के दो विधायकों चौधरी राकेश सिंह और कल्पना पारुलेकर की सदस्यता बहाल करने का प्रस्ताव रखा।
इस प्रस्ताव का सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने समर्थन किया। सदन में सर्वसम्मति बनने पर दोनों सदस्यों की सदस्यता बहाल करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
सदस्यों की बहाली के बाद विधानसभा अध्यक्ष रोहाणी ने कहा कि विधानसभा द्वारा लिए गए इस फैसले से संसदीय कार्य के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य विधानसभा की अपनी परम्परा रही है। यह निर्णय अन्य लोगों के लिए पथ प्रदर्शक होगा।
ज्ञात हो कि विधानसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा न कराए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने 17 एवं 18 जुलाई को सदन में हंगामा किया था। 18 जुलाई को कार्यवाहक अध्यक्ष के साथ अभद्रता किए जाने के आरोप में दो विधायकों की सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस फैसले के खिलाफ दोनों ही सदस्यों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इतना ही नहीं, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी को पत्र लिखकर बर्खास्तगी पर पुनर्विचार का अनुरोध किया और बर्खास्त विधायकों ने भी खेदपत्र लिखा था।
रोहाणी ने मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य मंत्रियों के साथ बैठक कर राज्यपाल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा था, जिसके आधार पर अधिसूचना जारी कर दी गई थी। उसी के तहत शुक्रवार को सदन का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया और दोनों सदस्यों की सदस्यता बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया। अब विधानसभा सचिवालय विधानसभा के फैसले से चुनाव आयोग को अवगत कराएगा।
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 18 जुलाई को राज्य विधानसभा में हुए हंगामे के दौरान कार्यवाहक अध्यक्ष के साथ अभद्रता करने के आरोप में सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस के दो विधायकों चौधरी राकेश सिंह और कल्पना पारुलेकर की सदस्यता बहाल करने का प्रस्ताव रखा।
इस प्रस्ताव का सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने समर्थन किया। सदन में सर्वसम्मति बनने पर दोनों सदस्यों की सदस्यता बहाल करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
सदस्यों की बहाली के बाद विधानसभा अध्यक्ष रोहाणी ने कहा कि विधानसभा द्वारा लिए गए इस फैसले से संसदीय कार्य के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य विधानसभा की अपनी परम्परा रही है। यह निर्णय अन्य लोगों के लिए पथ प्रदर्शक होगा।
ज्ञात हो कि विधानसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा न कराए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने 17 एवं 18 जुलाई को सदन में हंगामा किया था। 18 जुलाई को कार्यवाहक अध्यक्ष के साथ अभद्रता किए जाने के आरोप में दो विधायकों की सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस फैसले के खिलाफ दोनों ही सदस्यों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इतना ही नहीं, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी को पत्र लिखकर बर्खास्तगी पर पुनर्विचार का अनुरोध किया और बर्खास्त विधायकों ने भी खेदपत्र लिखा था।
रोहाणी ने मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य मंत्रियों के साथ बैठक कर राज्यपाल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा था, जिसके आधार पर अधिसूचना जारी कर दी गई थी। उसी के तहत शुक्रवार को सदन का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया और दोनों सदस्यों की सदस्यता बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया। अब विधानसभा सचिवालय विधानसभा के फैसले से चुनाव आयोग को अवगत कराएगा।
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