नई दिल्ली:
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से जुड़े दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के तकरीबन 15 से 20 हजार डॉक्टर सोमवार से अनिश्चकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे खासकर उन मरीजों की परेशानी बढ़ गई, जिन्हें ओपीडी में इलाज करवाना था। इमरजेंसी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।
मरीज दिल्ली के अस्पतालों में सुबह से भटकते नजर आए। गुस्सा इस बात पर था कि ओपीडी की पर्ची बनवाने के लिए घंटों कतार में समय बर्बाद हुआ। पर्ची बनने से पहले जानकारी होती तो समय बच जाता। दूसरी ओर कुछ जरूरतमंद ऐसे भी थे, जिन्हें आज की तारीख मिली थी, लेकिन बिना इलाज खाली हाथ ही लौटना पड़ा। असर के दायरे में दिल्ली सरकार के अस्पताल से लेकर केंद्र सरकार के हॉस्पिटल तक हैं।
डॉक्टरों की मुख्य मांग है कि अस्पतालों में सुरक्षा के इंतजाम हों, स्टॉक में दवाइयां मौजूद हों, डॉक्टरों को उन दवाइयों की जानकारी हो, ऑपरेशन की तारीख़ लंबी न हो, नर्सिंग और ग्रुप डी के कर्मचारियों के पोस्ट भरे जाएं और हॉस्टलों की संख्या बढ़ाई जाए।
सफदरजंग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मोहित गर्ग ने बताया कि बातचीत की कोशिश पहले भी फरवरी-मार्च में की गई। भरोसा भी मिला, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ। डेडलाइन भी दी गई थी। बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे। लिहाजा मजबूरी में हड़ताल करना पड़ा।
उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बातचीत के जरिए मसले का हल निकाला जाएगा। हम समस्या सुनने को भी तैयार हैं और सुनवाई करने के लिए भी।
मरीज दिल्ली के अस्पतालों में सुबह से भटकते नजर आए। गुस्सा इस बात पर था कि ओपीडी की पर्ची बनवाने के लिए घंटों कतार में समय बर्बाद हुआ। पर्ची बनने से पहले जानकारी होती तो समय बच जाता। दूसरी ओर कुछ जरूरतमंद ऐसे भी थे, जिन्हें आज की तारीख मिली थी, लेकिन बिना इलाज खाली हाथ ही लौटना पड़ा। असर के दायरे में दिल्ली सरकार के अस्पताल से लेकर केंद्र सरकार के हॉस्पिटल तक हैं।
डॉक्टरों की मुख्य मांग है कि अस्पतालों में सुरक्षा के इंतजाम हों, स्टॉक में दवाइयां मौजूद हों, डॉक्टरों को उन दवाइयों की जानकारी हो, ऑपरेशन की तारीख़ लंबी न हो, नर्सिंग और ग्रुप डी के कर्मचारियों के पोस्ट भरे जाएं और हॉस्टलों की संख्या बढ़ाई जाए।
सफदरजंग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मोहित गर्ग ने बताया कि बातचीत की कोशिश पहले भी फरवरी-मार्च में की गई। भरोसा भी मिला, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ। डेडलाइन भी दी गई थी। बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे। लिहाजा मजबूरी में हड़ताल करना पड़ा।
उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बातचीत के जरिए मसले का हल निकाला जाएगा। हम समस्या सुनने को भी तैयार हैं और सुनवाई करने के लिए भी।
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