नई दिल्ली: देशभर में 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. इस साल मिस्त्र के राष्ट्रपति (President of Egypt) अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे हैं. गणतंत्र दिवस परेड पर विदेशी मेहमानों को बुलाने की परंपरा वैसे तो प्रतीकात्मक होती है, लेकिन किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष को बुलाने के पीछे की कूटनीति बदले वैश्वक समीकरण में अब बदली भी है. आइए जानते हैं 1950 से अबतक कौन-कौन मेहमान बने हमारे गणतंत्र दिवस की शान.
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जब 26 जनवरी 1950 को पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान तिरंगा झंडा फहराया, तो इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो बतौर मुख्य अतिथि उस पल के गवाह बने थे. 2021 और 2022 में कोरोना महामारी के कारण किसी राष्ट्राध्यक्ष को नहीं बुलाया गया. इसके अलावा 1952, 1953, 1956, 1957, 1959, 1962, 1964, 1966, 1967 और 1970 में कुल 10 बार किसी भी विदेशी मेहमान को गणतंत्र दिवस पर बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित नहीं किया गया.
साल अतिथियों के नाम
1950: राष्ट्रपति सुकर्णो (इंडोनेशिया)
1951: राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह (नेपाल)
1952: कोई आमंत्रण नहीं
1953: कोई आमंत्रण नहीं
1954: जिग्मे दोरजी वांगचुक (भूटान)
1955: गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद (पाकिस्तान)
1956: राजकोष के कुलपति आरए बटलर (यूनाइटेड किंगडम)
मुख्य न्यायाधीश कोटारो तनाका (जापान)
1957: रक्षा मंत्री जॉर्जिया झुकोव (सोवियत संघ)
1958: मार्शल ये जियानिंग (चीन)
1959: एडिनबर्घ के ड्यूक प्रिंस फिलिप (यूनाइटेड किंगडम)
1960: अध्यक्ष क्लीमेंट वोरोशिलोव (सोवियत संघ)
1961: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (यूनाइटेड किंगडम)
1962: प्रधानमंत्री विग्गो कंम्पमन्न (डेनमार्क)
1963: राजा नोरोडोम सिहानोक (कंबोडिया)
1964: रक्षा स्टाफ के चीफ लॉर्ड लुईस माउंटबैटन (यूनाइटेड किंगडम)
1965: खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीद (पाकिस्तान)
1966: कोई आमंत्रण नहीं
1967: राजा मोहम्मद जहीर शाह (अफगानिस्तान)
1968: अध्यक्ष अलेक्सी कोसिगिन (सोवियत संघ)
राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज टिटो (यूगोस्लाविया)
1969: प्रधानमंत्री टोडोर झिव्कोव (बुल्गारिया)
1970: किंग बौदौइन (बेल्जियम)
1971: राष्ट्रपति जूलियस न्येरे (तंजानिया)
1972: प्रधानमंत्री सीईवोसगुर रामगुलाम (मॉरीशस)
1973: राष्ट्रपति मोबूतु सेसे सेको (जैरे)
1974: राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज़ टिटो (यूगोस्लाविया)
प्रधानमंत्री सिरिमावो बंडरानाइक (श्रीलंका)
1975: राष्ट्रपति केनेथ कौंडा (जाम्बिया)
1976: प्रधानमंत्री जाक शिराक (फ्रांस)
1977: प्रथम सचिव एडवर्ड गिरेक (पोलैंड)
1978: राष्ट्रपति पैट्रिक हिलेरी (आयरलैंड)
1979: प्रधानमंत्री मैल्कम फ्रेजर (ऑस्ट्रेलिया)
1980: राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कर्ड डी एस्टाइंग (फ्रांस)
1981: राष्ट्रपति जोस लोपेज पोर्टिलो (मेक्सिको)
1982: किंग जुआन कार्लोस आई (स्पेन)
1983: राष्ट्रपति शेहू शागरी (नाइजीरिया)
1984: किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (भूटान)
1985: राष्ट्रपति राउल अल्फोन्सिन (अर्जेंटीना)
1986: प्रधानमंत्री एंड्रियास पैपांड्रेउ (ग्रीस)
1987: राष्ट्रपति एलन गार्सिया (पेरू)
1988: राष्ट्रपति जेण् आरण् जयवर्धने (श्रीलंका)
1989: जनरल सचिव गुयेन वान लिन (वियतनाम)
1990: प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जुग्नथ (मॉरीशस)
1991: राष्ट्रपति ममून अब्दुल गयूम (मालदीव)
1992: राष्ट्रपति मारियो सोरेस (पुर्तगाल)
1993: प्रधानमंत्री जॉन मेजर (यूनाइटेड किंगडम)
1994: प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग (सिंगापुर)
1995: राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला (दक्षिण अफ्रीका)
1996: राष्ट्रपति डॉ. फर्नांडो हेनरीक कार्डोसो (ब्राजील)
1997: प्रधानमंत्री बासदेव पांडे (त्रिनिदाद एंड टोबैगो)
1998: राष्ट्रपति जैक शिराक (फ्रांस)
1999: राजा बिरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव (नेपाल)
2000: राष्ट्रपति ओलेजगुन ओबासांजो (नाइजीरिया)
2001: राष्ट्रपति अब्देलजीज बुटीफिला (अल्जीरिया)
2002: राष्ट्रपति कसम उतेम (मॉरीशस)
2003: राष्ट्रपति मोहम्मद खटामी (ईरान)
2004: राष्ट्रपति लुइज इनासिओ लुला दा सिल्वा (ब्राजील)
2005: किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (भूटान)
2006: किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज अल सऊद (सऊदी अरब)
2007: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (रूस)
2008: राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी (फ्रांस)
2009: राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव (कजाखस्तान)
2010: राष्ट्रपति ली मयूंग बाक (दक्षिण कोरिया)
2011: राष्ट्रपति सुसिलो बांम्बांग युधोयोनो (इंडोनेशिया)
2012: प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्रा (थाईलैंड)
2013: राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (भूटान)
2014: प्रधान मंत्री शिन्जो आबे (जापान)
2015: राष्ट्रपति बराक ओबामा (संयुक्त राज्य अमेरिका)
2016: राष्ट्रपति फ्रेंकोइस होलैंड (फ्रांस)
2017: क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान (संयुक्त अरब अमीरात)
2018 में सभी आसियान देशों के नेता मुख्य अतिथि शामिल हुए
थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान ओचा
म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की
ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया
कंबोडिया के पीएम हुन सेन
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक
वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक
लाओस के प्रधानमंत्री थॉन्गलौन सिसोलिथ
फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते
2019: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामाफोसा
2020: ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो
2021: कोरोना की वजह से कोई राष्ट्रध्यष शामिल नहीं
2022: कोरोना की वजह से कोई राष्ट्रध्यष शामिल नहीं
2023 में अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि हैं. एक मुस्लिम बहुल देश होने के कारण मिस्र और भारत की मित्रता काफी अहम भी है. इस देश के साथ 70 साल से ज्यादा की दोस्ती है. यह देश कई मौकों पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचार को नकार चुका है.
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