
राज्यवर्धन सिंह राठौर (फाइल फोटो)
जयपुर:
केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि आईपीएल के पूर्व दागी कमिश्नर ललित मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर भारत वापस लाना संभव होगा।
एनडीटीवी से बात करते हुए राठौर ने कहा कि लोगों को यह स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि इस सरकार के सत्ता में आने से पहले यूपीए सरकार ने ललित मोदी को वापस लाने का नाटक करके लोगों को मूर्ख बनाया। उन्होंने कहा, वह आदमी लंदन में बैठा है, उसे वापस लाने के लिए रेड कॉर्नर या ब्लू कॉर्नर नोटिस की जरूरत होती है, लेकिन उन्होंने (यूपीए सरकार ने) ऐसा नहीं किया और एक लाइट ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया, जिसे सिर्फ घरेलू हवाई अड्डों को दिया जाता है। यह अलर्ट जयपुर और जोधपुर के लिए है।
राठौर ने आरोप लगाया कि यूपीए के अंदर कुछ लोग ललित मोदी को बचाना चाह रहे थे। उन्होंने कहा, हमने उसे वापस लाने की कार्रवाई की है। हमने 2012 के मामले को पीएमएलए में तब्दील किया है, जिसमें गिरफ्तारी संभव है। एक एफआईआर भी दर्ज की गई है और एक वारंट जल्द ही जारी होगा (या हो गया है)। हम रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए जाने और ललित मोदी को वापस लाने की प्रक्रिया में हैं।
देश के हर राज्य में आयोजित थी बीजेपी के तरफ से प्रेस वार्ता। उद्देश्य था संसद में चल रहे गतिरोध पर भाजपा का पक्ष रखना जयपुर में बोले सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर लेकिन खुद ललित मोदी के साथ संबंधों पर सवाल झेल रही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, इस प्रेस कांफ्रेंस में नहीं पहुंचीं। इससे ललित मोदी से जुड़े सवालों पर विराम लगने के बजाये और अटकलें शुरू हो गईं।
सरकार को आड़े हाथों लेते हुए राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, "अब सरकार की नींद उड़ी है, कुछ कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। लेकिन जिन लोगों ने इसकी मदद की है इनके ऊपर भी सख्ती से कार्यवाही होनी चाहिए।
अब तक तो नोटीस ही जारी हो रही है, पकड़ने का दिखावा हो रहा है, वॉरेन्ट जारी हो रहा है उसके खिलाफ, लेकिन जिन भाजपा के नेताओं ने उसकी मदद की उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।"
ज़ाहिर है ललित मोदी पर 2009 के बाद सिर्फ फेमा का केस था उनके खिलाफ नोटिस भी लाइट ब्लू कार्नर का था। लेकिन ललित मोदी हमेशा विवादों के घेरे में रहे हैं, और अगर वो भारत वापस आते हैं तो बड़े-बड़े नेताओं के साथ उनके रिश्तों को लेकर ये विवाद और उलझ सकता है।
एनडीटीवी से बात करते हुए राठौर ने कहा कि लोगों को यह स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि इस सरकार के सत्ता में आने से पहले यूपीए सरकार ने ललित मोदी को वापस लाने का नाटक करके लोगों को मूर्ख बनाया। उन्होंने कहा, वह आदमी लंदन में बैठा है, उसे वापस लाने के लिए रेड कॉर्नर या ब्लू कॉर्नर नोटिस की जरूरत होती है, लेकिन उन्होंने (यूपीए सरकार ने) ऐसा नहीं किया और एक लाइट ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया, जिसे सिर्फ घरेलू हवाई अड्डों को दिया जाता है। यह अलर्ट जयपुर और जोधपुर के लिए है।
राठौर ने आरोप लगाया कि यूपीए के अंदर कुछ लोग ललित मोदी को बचाना चाह रहे थे। उन्होंने कहा, हमने उसे वापस लाने की कार्रवाई की है। हमने 2012 के मामले को पीएमएलए में तब्दील किया है, जिसमें गिरफ्तारी संभव है। एक एफआईआर भी दर्ज की गई है और एक वारंट जल्द ही जारी होगा (या हो गया है)। हम रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए जाने और ललित मोदी को वापस लाने की प्रक्रिया में हैं।
देश के हर राज्य में आयोजित थी बीजेपी के तरफ से प्रेस वार्ता। उद्देश्य था संसद में चल रहे गतिरोध पर भाजपा का पक्ष रखना जयपुर में बोले सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर लेकिन खुद ललित मोदी के साथ संबंधों पर सवाल झेल रही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, इस प्रेस कांफ्रेंस में नहीं पहुंचीं। इससे ललित मोदी से जुड़े सवालों पर विराम लगने के बजाये और अटकलें शुरू हो गईं।
सरकार को आड़े हाथों लेते हुए राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, "अब सरकार की नींद उड़ी है, कुछ कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। लेकिन जिन लोगों ने इसकी मदद की है इनके ऊपर भी सख्ती से कार्यवाही होनी चाहिए।
अब तक तो नोटीस ही जारी हो रही है, पकड़ने का दिखावा हो रहा है, वॉरेन्ट जारी हो रहा है उसके खिलाफ, लेकिन जिन भाजपा के नेताओं ने उसकी मदद की उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।"
ज़ाहिर है ललित मोदी पर 2009 के बाद सिर्फ फेमा का केस था उनके खिलाफ नोटिस भी लाइट ब्लू कार्नर का था। लेकिन ललित मोदी हमेशा विवादों के घेरे में रहे हैं, और अगर वो भारत वापस आते हैं तो बड़े-बड़े नेताओं के साथ उनके रिश्तों को लेकर ये विवाद और उलझ सकता है।
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