याकूब मेमन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
याक़ूब मेमन की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंज ने मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डेथ वारंट में कोई खामी नहीं है। इसी के साथ याक़ूब मेमन की फांसी के ख़िलाफ़ याचिका खारिज हो गई है और अब याक़ूब के लिए कानूनी रास्ते बंद हो चुके हैं। अब याक़ूब मेमन ने राष्ट्रपति के सामने भी रहम की अपील की है। आइए, जानते हैं याकूब मेनन फांसी मामले में पक्ष-विपक्ष की दलीलें...
याकूब का पक्ष :
प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया
क्यूरेटिव पेटिशन को फिर सुना जाए
चीफ़ जस्टिस भी नियमों से बंधे हैं
30 अप्रैल का डेथ वारंट गैर-कानूनी
टाडा कोर्ट ने नहीं सुना
डेथ वारंट 90 दिन पहले जारी हुआ
लेकिन डेथ वारंट के बारे में 17 दिन पहले बताया
सरकार का पक्ष :
याक़ूब 1993 बम धमाकों का साज़िशकर्ता
धमाकों में 257 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल
25 साल हो गए, इसलिए लोगों का दर्द पीछे छूट गया
फ़ैसला करते वक़्त पीड़ितों का दर्द ध्यान में रखना होगा
याक़ूब ने सिर्फ़ डेथ वारंट को चुनौती दी
क्यूरेटिव पेटीशन नई बेंच सुनती है लेकिन आधार वही रहते हैं
याकूब का पक्ष :
प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया
क्यूरेटिव पेटिशन को फिर सुना जाए
चीफ़ जस्टिस भी नियमों से बंधे हैं
30 अप्रैल का डेथ वारंट गैर-कानूनी
टाडा कोर्ट ने नहीं सुना
डेथ वारंट 90 दिन पहले जारी हुआ
लेकिन डेथ वारंट के बारे में 17 दिन पहले बताया
सरकार का पक्ष :
याक़ूब 1993 बम धमाकों का साज़िशकर्ता
धमाकों में 257 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल
25 साल हो गए, इसलिए लोगों का दर्द पीछे छूट गया
फ़ैसला करते वक़्त पीड़ितों का दर्द ध्यान में रखना होगा
याक़ूब ने सिर्फ़ डेथ वारंट को चुनौती दी
क्यूरेटिव पेटीशन नई बेंच सुनती है लेकिन आधार वही रहते हैं
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