विज्ञापन
This Article is From Apr 05, 2024

GDP Growth Forecast : RBI ने 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को 7% पर रखा कायम

गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा, हमारा अनुमान है कि जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

GDP Growth Forecast : RBI ने 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को 7% पर रखा कायम
RBI ने मुद्रास्फीति का दबाव कम होने और विनिर्माण व सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी की संभावना के बीच यह अनुमान लगाया गया है.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत पर कायम रखा है. यह 2023-24 के लिए 7.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है. आरबीआई ने  अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति में एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. मानसून सामान्य रहने, मुद्रास्फीति का दबाव कम होने और विनिर्माण व सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी की संभावना के बीच यह अनुमान लगाया गया है.

विनिर्माण - सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में रफ्तार की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि ग्रामीण मांग में मजबूती, रोजगार तथा असंगठित क्षेत्र की स्थिति में सुधार, मुद्रास्फीतिक दबाव कम होने और विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र की गतिविधियों के रफ्तार पकड़ने से निजी उपभोग बढ़ेगा. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक व्यापार मार्ग में व्यवधान से कुछ दिक्कतें आ सकती हैं. 

निवेश गतिविधियों को लेकर संभावनाएं बेहतर

उन्होंने कहा कि निजी निवेश चक्र में सुधार के चलते निवेश गतिविधियों को लेकर संभावनाएं बेहतर हुई हैं. इसके अलावा सरकार का पूंजीगत व्यय बढ़ने, बैंकों तथा कंपनियों का मजबूत बही-खाता, क्षमता इस्तेमाल बढ़ने और कारोबारी भरोसा बढ़ने से भी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. 

जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी

गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमारा अनुमान है कि कि देश की सकल घरेलू उत्पाद की वास्तविक वृद्धि दर 2024-25 में सात प्रतिशत रहेगी. जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. 

चालू वित्त वर्ष में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को मिलेगा समर्थन

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण मांग के रफ्तार पकड़ने से चालू वित्त वर्ष में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा. इसके अलावा विभिन्न संकेतकों से पता चलता है कि शहरी मांग भी मजबूत बनी हुई है. वाणिज्यिक क्षेत्र को बैंकों और अन्य स्रोतों से 2023-24 में कुल प्रवाह 31.2 लाख करोड़ रुपये रहा है. यह इससे पिछले साल 26.4 लाख करोड़ रुपये रहा था. उन्होंने कहा कि फरवरी में बाहरी मांग में भी सुधार देखा गया और निर्यात 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ा. हालांकि, आयात बढ़ने की वजह से व्यापार घाटे में भी बढ़ोतरी हुई. 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसी सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि रिजर्व बैंक को वृद्धि को ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता'' देते हुए भरोसे और स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com