रमेश ने कहा कि भारत की राजनीतिक व्यवस्था को सियासी मतभेद एकतरफ रखकर संगठित रूप से काम करना चाहिए।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:
केंद्र और राज्यों में एक के बाद एक आई सरकारों को नक्सलवाद की समस्या के फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि भारत की राजनीतिक व्यवस्था को सियासी मतभेद एकतरफ रखकर संगठित रूप से काम करना चाहिए ताकि प्रशासन पर जनता का भरोसा कायम किया जा सके। रमेश ने कहा, आसान शब्दों में कहें तो हमें दल राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर केंद्र बनाम राज्य की पुरानी दलीलों को दरकिनार कर देना चाहिए और प्रशासन में जनता का भरोसा बहाल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। तभी हम नक्सली समस्या को जड़ से उखाड़ पाएंगे। सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए रमेश ने कहा कि नक्सलियों की विचाराधारा को स्वीकार्य बनाने लायक जमीनी स्थितियां निर्मित करने के लिए नक्सली जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा, यह राज्यों और केंद्र में लगातार बनी सरकारों की विफलता है कि उन्होंने गरीबों तथा वंचितों की गरिमा और संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण नहीं किया। इससे हिंसा के लिए अनुकूल माहौल निर्मित हुआ और नक्सलियों को सामाजिक कल्याण की भाषा बोलने का मौका मिला। बहरहाल, रमेश ने कहा कि कल्याण के नाम पर नक्सलियों ने छापामार शैली का आधार तैयार किया और बड़ी तादाद में महिलाओं और बच्चों को शामिल कर लिया। उन्होंने कहा कि नक्सली विस्थापित आदिवासियों को तुरंत न्याय प्रदान करने का श्रेय लेते रहे हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
नक्सल