रामचंद्र गुहा ने क्रिकेट पर किताब 'विदेशी खेल अपने मैदान पर' लिखी है.
प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा को जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने चार क्रिकेट प्रशासकों की सूची में स्थान दिया तो सोशल मीडिया पर एकबारगी लोग हैरान होकर सवाल करने लगे कि आखिर गुहा को चुने जाने की वजहें क्या हैं? पक्ष-विपक्ष में बहसें होने लगीं. कुछ लोगों ने कटाक्ष भी किया. लेकिन कुछ लोगों ने उनके चयन को सर्वथा उपयुक्त करार दिया है. दरअसल वास्तविकता यह है कि रामचंद्र गुहा एक बेहतरीन क्रिकेट इतिहासकार भी हैं. प्रथम श्रेणी क्रिकेट के बारे में उनकी जबर्दस्त जानकारी है. वह इस संबंध में देश-दुनिया के महत्वपूर्ण अखबारों में कॉलम भी लिखते रहे हैं.
आमतौर पर क्रिकेट विशेषज्ञ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बारे में ही ज्यादा लिखते-बोलते हैं. इस मामले में रामचंद्र गुहा थोड़े अलग हैं. उनको प्रथम श्रेणी क्रिकेट की जबर्दस्त जानकारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और उसके इतिहास की गहरी जानकारी है. वह बेहद अधिकार के साथ इन मसलों पर लिखते-बोलते रहे हैं. संभवतया क्रिकेट के बारे में इसी गंभीर समझ की वजह से उनको चुना गया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएजी विनोद राय की अगुवाई में नियुक्त किए BCCI के 4 नए प्रशासक
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मसलन सबसे पहले उन्होंने बताया कि जेंटलमेंस गेम कहा जाने वाला क्रिकेट अपने शुरुआती स्वरूप में ऐसा नहीं था. इसे दक्षिणी इंग्लैंड के गावों में खेला जाता था. 19वीं सदी में जाके ये शहरों का हिस्सा बना. क्रिकेट के ऐसे ही अनगिनत किस्सों को गुहा ने अपनी किताब 'विदेशी खेल अपने मैदान पर' समेटा है. इस किताब में भारतीय क्रिकेट का सामाजिक इतिहास समझाया गया है. जब भारत की धरती पर पहली बार किसी बल्लेबाज ने स्ट्राइक लेने के बाद पिच पर ठक-ठक की आवाज की होगी और दूसरे छोर पर पहली बार एक गेंदबाज बॉल फेंकने के लिए रनरअप की भूमिका में रहा होगा, तब से लेकर आधुनिक टी-20 फॉर्मेट एवं आईपीएल के शुरू होने तक के हर किस्से को इस किताब में समेटा गया है.
इसके अलावा रामचंद्र गुहा(58) सामाजिक और राजनीतिक इतिहास पर लेखन के लिए जाने ही जाते हैं. 'गांधी बिफोर इंडिया' और 'इंडिया आफ्टर गांधी' उनकी चर्चित रचनाएं हैं.
आमतौर पर क्रिकेट विशेषज्ञ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बारे में ही ज्यादा लिखते-बोलते हैं. इस मामले में रामचंद्र गुहा थोड़े अलग हैं. उनको प्रथम श्रेणी क्रिकेट की जबर्दस्त जानकारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और उसके इतिहास की गहरी जानकारी है. वह बेहद अधिकार के साथ इन मसलों पर लिखते-बोलते रहे हैं. संभवतया क्रिकेट के बारे में इसी गंभीर समझ की वजह से उनको चुना गया है.
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इसके अलावा रामचंद्र गुहा(58) सामाजिक और राजनीतिक इतिहास पर लेखन के लिए जाने ही जाते हैं. 'गांधी बिफोर इंडिया' और 'इंडिया आफ्टर गांधी' उनकी चर्चित रचनाएं हैं.
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