
लखनऊ:
वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सुर में सुर मिलाते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा गरमाने का प्रयास तेज कर दिया है। इस अभियान के तहत वीएचपी के नेताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में यूपी सरकार ने परिक्रमा यात्रा की इजाजत मांगी गई थी जिसे यूपी सरकार ने देने से मना कर दिया है। यूपी सरकार का कहना है कि अयोध्या के पास किसी भी परिक्रमा की इजाजत नहीं दी जा सकती।
खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और 2014 चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी के विकास और सबको साथ लेकर चलने की नीति की बात कही है।
खबर के अनुसार, वीएचपी के नेता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है। इस मुलाकात में यूपी सरकार ने साधुओं की प्रस्तावित यात्रा को प्रशासनिक मदद पहुंचाने की अपील की गई है।
बताया जा रहा है कि 25 अगस्त से आरंभ होने वाली साधुओं की चौरासी कोस परिक्रमा के दौरान वीएचपी राम मंदिर के मुद्दे को हवा देना चाहती है। यह मंदिर विवादित बाबरी मस्जिद के विध्वंस स्थल पर बनाए जाने का प्रस्ताव है।
पीटीआई की खबर के अनुसार, वीएचपी नेताओं ने मुलायम सिंह यादव से हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच एक सेतु का काम करने का आह्वान किया है। इसके माध्यम से राममंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया जा सके। सूत्रों का कहना है कि वीएचपी नेताओं ने बताया है कि मुलायम सिंह यादव ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख अख्तियार किया है। वहीं सपा ने इस बात से इनकार किया है कि मुलायम सिंह यादव ने ऐसा कोई प्रस्ताव स्वीकार किया है। मुलायम के करीबी ने कहा कि वीएचपी नेता मात्र यात्रा के लिए स्वीकृति लेने के लिए आए थे। उनका कहना है कि मुलायम से मंदिर मुद्दे पर बातचीत नहीं हुई।
इसके बाद सपा ने आरोप लगाया कि वीएचपी आने वाले चुनाव को लेकर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश में लग गई है। गौरतलब है कि यूपी में 18 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, जिनमें सर्वाधिक मुलायम सिंह के समर्थक माने जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने पार्टीजनों को बताया कि गुजरात में 25 फीसदी मुसलमानों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया है।
(इनपुट एनडीटीवीइंडिया से भी)
खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और 2014 चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी के विकास और सबको साथ लेकर चलने की नीति की बात कही है।
खबर के अनुसार, वीएचपी के नेता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है। इस मुलाकात में यूपी सरकार ने साधुओं की प्रस्तावित यात्रा को प्रशासनिक मदद पहुंचाने की अपील की गई है।
बताया जा रहा है कि 25 अगस्त से आरंभ होने वाली साधुओं की चौरासी कोस परिक्रमा के दौरान वीएचपी राम मंदिर के मुद्दे को हवा देना चाहती है। यह मंदिर विवादित बाबरी मस्जिद के विध्वंस स्थल पर बनाए जाने का प्रस्ताव है।
पीटीआई की खबर के अनुसार, वीएचपी नेताओं ने मुलायम सिंह यादव से हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच एक सेतु का काम करने का आह्वान किया है। इसके माध्यम से राममंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया जा सके। सूत्रों का कहना है कि वीएचपी नेताओं ने बताया है कि मुलायम सिंह यादव ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख अख्तियार किया है। वहीं सपा ने इस बात से इनकार किया है कि मुलायम सिंह यादव ने ऐसा कोई प्रस्ताव स्वीकार किया है। मुलायम के करीबी ने कहा कि वीएचपी नेता मात्र यात्रा के लिए स्वीकृति लेने के लिए आए थे। उनका कहना है कि मुलायम से मंदिर मुद्दे पर बातचीत नहीं हुई।
इसके बाद सपा ने आरोप लगाया कि वीएचपी आने वाले चुनाव को लेकर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश में लग गई है। गौरतलब है कि यूपी में 18 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, जिनमें सर्वाधिक मुलायम सिंह के समर्थक माने जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने पार्टीजनों को बताया कि गुजरात में 25 फीसदी मुसलमानों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया है।
(इनपुट एनडीटीवीइंडिया से भी)
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