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This Article is From Aug 04, 2020

अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन : गुरुओं का 'यज्ञ', शिष्यों को मौका

अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन की भव्य तैयारियां चल रही हैं. उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल यानी 5 अगस्त को होने वाली अयोध्या यात्रा का विवरण भी जारी कर दिया है. पीएम मोदी सुबह 9:35 बजे दिल्ली से अयोध्या के लिए रवाना होंगे.

अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन : गुरुओं का 'यज्ञ', शिष्यों को मौका
Ram Mandir Bhumi Pujan: 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन है
नई दिल्ली:

Ram Mandir Bhumi Pujan:  अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन की भव्य तैयारियां चल रही हैं. उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल यानी 5 अगस्त को होने वाली अयोध्या यात्रा का विवरण भी जारी कर दिया है. पीएम मोदी सुबह 9:35 बजे दिल्ली से अयोध्या के लिए रवाना होंगे. उनका विशेष विमान करीब एक घंटे के बाद लखनऊ उतरेगा. वहां से वह दूसरे हेलिकॉप्टर से अयोध्या जाएंगे. प्रधानमंत्री लगभग 3 घंटे अयोध्या में रहेंगे. उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या पहुंच चुके हैं. सीएम योगी ने अयोध्या में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया है. हालांकि इस पूरे कार्यक्रम पर कोरोना संक्रमण का भी साया है. जहां  कार्यक्रम में पहले से ही ज्यादा लोगों के आने से मनाही वहीं आज भी रामलला के एक पुजारी को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई. इससे पहले भी एक पुजारी और 14 पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव है. वहीं इसी बीमारी के प्रकोप को देखते हुए आंदोलन के प्रमुख चेहरे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह भी भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.  

लेकिन कल यानी बुधवार को जब पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ राम मंदिर के भूमि पूजन में हिस्सा ले रहे होंगे तो यह नजारा देख सबको एक बात जरूर याद आएगी, 'गुरुओं का 'यज्ञ', शिष्यों का मौका'....अयोध्या में राम मंदिर  के लिए पूरे सोमनाथ से अयोध्या तक की यात्रा कर एक बड़ा आंदोलन बनाने का श्रेय अगर किसी को है तो वह बीजेपी के उस समय 'हिंदू हृदय सम्राट' लाल कृष्ण आडवाणी को जाता है. उस आंदोलन की पृष्ठभूमि में कई नेता निकले जिसमें नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. लाल कृष्ण आडवाणी एक तरह से मोदी के गुरु भी हैं. जिनको राजनीति में स्थापित करने के लिए आडवाणी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. 

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25 सितंबर, 1990 को लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की थी जिसे देश के कई हिस्सों से होते हुए 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचना था. जहां वे पहुंचक कारसेवा करने वाले थे. लेकिन बिहार पहुंचते हुए उन्हें र 23 अक्तूबर को समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया. बिहार में उस समय लालू प्रसाद यादव की सरकार थी. उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही मंदिर आंदोलन ने और जोर पकड़ लिया. अयोध्या में कारसेवकों को रोकने के लिए यूपी की तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने गोली चलाने का आदेश दे दिया. केंद्र में वीपी सिंह सरकार से बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई. इस पूरे घटनाक्रम से बीजेपी की ताकत बढ़ती चली गई और यूपी में कल्याण सिंह की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बना ली. यानी आडवाणी के आंदोलन से देश में बीजेपी की ताकत इतनी बढ़ गई कि वह कांग्रेस को चुनौती देने की स्थिति में आ गई.  

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अब बात करें सीएम योगी के गुरु और गोरखधाम पीठ के महंत अवैद्यनाथ की तो उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के पूरा जीवन खपा दिया. उन्होने इस आंदोलन के लिए पूरे देश का दौरा किया. जब 1986 में विवादित ढांचे का ताला खोला गया तो रामचंद्र परमहंस के साथ-साथ महंत अवैद्यनाथ भी वहां मौजूद थे. अशोक सिंहल और रामचंद्र परमहंस के साथ मिलकर अवैद्यनाथ ने मंदिर के लिए आंदोलन की धार देने में कोई कसर नहीं छोडी. महंत अवैद्यनाथ अब इस दुनिया में नही हैं. लेकिन उनके शिष्य सीएम योगी आदित्यनाथ को भूमि पूजन का मौका मिला है.

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