वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव (Ram Madhav) ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में जो नेता नजरबंद हैं, उन्हें शीघ्र ही रिहा किया जाएगा और वे अपनी ‘सामान्य' रूप से राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरसन पर ‘जन जागरण सभा' में भाजपा महासचिव ने कहा कि वहां राष्ट्रपति शासन के हटने और विधानमंडल के प्रभाव में आ जाने के बाद अनुसूचित जाति आयोग, महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग जैसे संवैधानिक निकाय भी गठित किये जाएंगे.
अनुच्छेद 370 को पिछले 70 सालों का कैंसर करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे महज 70 घंटे में हटा दिया. उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र महीनों तक कानून- व्यवस्था की समस्या में उलझा रहता था, वह अब 200 से अधिक नेताओं को नजरबंद रखे जाने के बाद शांतिपूर्ण हो चला है.
राममाधव ने कहा, ‘‘यह दुष्प्रचार है कि (जम्मू-कश्मीर में) हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मैं आज आपको बताऊं कि वे 200 नेता एहतियाती तौर पर हिरासत में हैं. एहतियाती हिरासत सामान्य कानून व्यवस्था का हिस्सा है. यह मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है.''
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उन्होंने कहा, ‘‘पंचसितारा होटलों में टीवी और पुस्तकें जैसी अच्छी सुविधाओं और अन्य चीजों के साथ एहतियाती हिरासत राज्य में कानून- व्यवस्था सुनिश्चित रखने का अस्थायी उपाय है.'' उन्होंने कहा कि 200 लोगों को जेल में रखने से कुछ घटनाओं को छोड़कर मोटे तौर पर शांति की स्थिति है.
राममाधव ने कहा, ‘‘आप कल्पना कर सकते हैं कि कितना प्रभावी उपाय है यह. लेकिन आप यह नहीं समझे कि मैं कह रहा हूं कि वे हमेशा के लिए जेल में रहेंगे.''
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