नई दिल्ली:
पार्टी से निलम्बन के बाद भी राज्यसभा सांसद ने राम जेठमलानी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख नितिन गडकरी सहित अरुण जेटली एवं सुषमा स्वराज की फिर आलोचना की और कहा कि वह पार्टी से निष्कासित होने के लिए तैयार हैं।
जेठमलानी ने नितिन गडकरी को खत लिखकर आरोप लगाया है कि वे सियासी खुदकुशी के रास्ते पर जा रहे हैं और अपने साथ पूरी पार्टी को भी ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप मेरा जो भी करें उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मैं इज्जत के लिए संसद की सदस्यता का मोहताज नहीं हूं।
किसी भी मुद्दे पर बोलने के अधिकार का दावा करते हुए जेठमलानी ने कहा, विपक्ष का मतलब विरोध के नाम पर विरोध करना ही नहीं है। मुझे भी वस्तुस्थिति की समझ है। मुझे अपनी बात रखने का अधिकार है।
जेठमलानी को औपचारिक तौर पर सोमवार को नोटिस दिया गया और पूछा गया कि उन्हें पार्टी विरोध गतिविधियों के कारण क्यों न भाजपा से निष्कासित कर दिया जाए?
गडकरी के मुखर विरोधी रहे जेठमलानी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुख रंजीत सिन्हा की नियुक्ति पर पार्टी के नजरिए का विरोध कर भाजपा को असहज स्थिति में ला खड़ा कर दिया।
जेटली एवं सुषमा ने सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था।
जेठमलानी ने कहा कि वह सिन्हा की नियुक्ति का अभी भी समर्थन करते हैं और सरकार का यह कदम बुद्धिमानी भरा है। उन्होंने कहा, परिवर्तन के लिए ही सही प्रधानमंत्री ने दागी अधिकारी को सीबीआई प्रमुख न बनाकर अच्छा काम किया। जेठमलानी ने कहा कि उनके विरोध का अर्थ जेटली एवं सुषमा की आलोचना करना नहीं है।
उन्होंने कहा, जेटली एवं सुषमा की आलोचना की बात इसमें कहां आ गई? साथ ही जेठमलानी ने सुषमा एवं जेटली पर हमला भी किया और कहा कि वह एकपक्षीय आदेश नहीं मानेंगे। जेठमलानी ने गडकरी, सुषमा एवं जेटली पर भाजपा को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, मैं इस विषय में स्पष्ट हूं कि उनके कार्यों ने भाजपा की छवि को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचाया है, जिससे पार्टी की क्षति पहुंची है। आज आम आदमी कह रहा है कि भाजपा एवं कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है।
जब जेठमलानी से पूछा गया कि क्या वह गडकरी को निशाना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा, सभी तीनों। गडकरी को खासतौर पर। मैं निष्कासित होने के लिए तैयार हूं।
जेठमलानी ने कहा कि उन्हें अभी कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, यदि मुझे उत्तर देने के लिए कुछ ऐसा है तो मैं जवाब दूंगा। नहीं तो मैं इसे फाड़ के फेंक दूंगा। मेरे लिए 10 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देना सम्भव नहीं है। मैं व्यस्त वकील एवं राजनीतिज्ञ हूं। मुझे दिसम्बर अंत तक का समय चाहिए।
जेठमलानी ने नितिन गडकरी को खत लिखकर आरोप लगाया है कि वे सियासी खुदकुशी के रास्ते पर जा रहे हैं और अपने साथ पूरी पार्टी को भी ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप मेरा जो भी करें उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मैं इज्जत के लिए संसद की सदस्यता का मोहताज नहीं हूं।
किसी भी मुद्दे पर बोलने के अधिकार का दावा करते हुए जेठमलानी ने कहा, विपक्ष का मतलब विरोध के नाम पर विरोध करना ही नहीं है। मुझे भी वस्तुस्थिति की समझ है। मुझे अपनी बात रखने का अधिकार है।
जेठमलानी को औपचारिक तौर पर सोमवार को नोटिस दिया गया और पूछा गया कि उन्हें पार्टी विरोध गतिविधियों के कारण क्यों न भाजपा से निष्कासित कर दिया जाए?
गडकरी के मुखर विरोधी रहे जेठमलानी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुख रंजीत सिन्हा की नियुक्ति पर पार्टी के नजरिए का विरोध कर भाजपा को असहज स्थिति में ला खड़ा कर दिया।
जेटली एवं सुषमा ने सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था।
जेठमलानी ने कहा कि वह सिन्हा की नियुक्ति का अभी भी समर्थन करते हैं और सरकार का यह कदम बुद्धिमानी भरा है। उन्होंने कहा, परिवर्तन के लिए ही सही प्रधानमंत्री ने दागी अधिकारी को सीबीआई प्रमुख न बनाकर अच्छा काम किया। जेठमलानी ने कहा कि उनके विरोध का अर्थ जेटली एवं सुषमा की आलोचना करना नहीं है।
उन्होंने कहा, जेटली एवं सुषमा की आलोचना की बात इसमें कहां आ गई? साथ ही जेठमलानी ने सुषमा एवं जेटली पर हमला भी किया और कहा कि वह एकपक्षीय आदेश नहीं मानेंगे। जेठमलानी ने गडकरी, सुषमा एवं जेटली पर भाजपा को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, मैं इस विषय में स्पष्ट हूं कि उनके कार्यों ने भाजपा की छवि को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचाया है, जिससे पार्टी की क्षति पहुंची है। आज आम आदमी कह रहा है कि भाजपा एवं कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है।
जब जेठमलानी से पूछा गया कि क्या वह गडकरी को निशाना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा, सभी तीनों। गडकरी को खासतौर पर। मैं निष्कासित होने के लिए तैयार हूं।
जेठमलानी ने कहा कि उन्हें अभी कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, यदि मुझे उत्तर देने के लिए कुछ ऐसा है तो मैं जवाब दूंगा। नहीं तो मैं इसे फाड़ के फेंक दूंगा। मेरे लिए 10 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देना सम्भव नहीं है। मैं व्यस्त वकील एवं राजनीतिज्ञ हूं। मुझे दिसम्बर अंत तक का समय चाहिए।
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