महुआ मोइत्रा कांड के बाद राज्यसभा सांसदों को कोड ऑफ कंडक्ट की याद दिलाई गई है. इसे लेकर एक दिशा-निर्देश भी जारी किया है. कोड ऑफ कंडक्ट की बात करने के साथ-साथ 14 मार्च 2005 की ऐथिक्स कमेटी की रिपोर्ट की भी याद दिलाई गई है. जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोई ऐसा काम न करें जिससे राज्य सभा की प्रतिष्ठा धूमिल हो. साथ ही सार्वजनिक हितों को निजी हितों पर तरजीह दें.
आगे कहा गया है कि सदन में वोट देने, कोई बिल इंट्रोड्यूस करते समय, सवाल पूछने के लिए या संसदीय कमेटी में कोई मुद्दा उठाने के लिए कोई फीस या अन्य किसी तरह का लाभ न लें. वे कोई उपहार न लें जिससे उनके दायित्वों पर असर पड़ता हो.
महुआ मोइत्रा कांड के बाद जारी किए गए हैं दिशा-निर्देश
महुआ मोइत्रा कांड को ध्यान रखते हुए इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि बतौर सांसद जो गुप्त सूचनाएं मिलती हैं वे साझा न करें. संपत्ति और लाइबिलिटिज के बारे में फॉर्म एक पर सभापति को जानकारी दें. यह याद दिलाया गया है कि कई सांसदों ने यह जानकारी नहीं दी और इसे तुरंत दिया जाना चाहिए. कारोबारी हितों का टकराव न हो इसके लिए Register of Members' interest में जानकारी दें. विदेश यात्रा के बारे में राज्यसभा के महासचिव को तीन हफ्ते पहले जानकारी दें.
FCRA की भी की गई है बात
इन दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि दूसरे देशों की सरकारों के निमंत्रण पर विदेश यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय का Political clearance जरूरी है. निजी यात्रा पर foreign hospitality के लिए भारत सरकार की मंजूरी जरूरी. दिशा निर्देशों में कहा गया है कि ऐसा FCRA के तहत अनिवार्य है.
गृह मंत्रालय को दो हफ्ते पहले सूचित करें
निजी यात्रा पर किसी विदेशी मेहमान नवाजी से पहले उस संगठन की साख के बारे में बता ला लें, एक बार संतुष्ट होने के बाद ही अपनी यात्रा करें. इतना ही नहीं निजी यात्रा पर विदेशी मेहमान नवाजी के लिए गृह मंत्रालय को दो हफ्ते पहले सूचित करें. निजी कारोबार के लिए विदेश यात्रा करते समय डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का प्रयोग न करें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं