Rajgarh-Laxmangarh Election Results 2023: जानें, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 239874 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 82867 ने कांग्रेस उम्मीदवार जौहरीलाल मीणा को वोट देकर जिताया था, जबकि 52578 वोट पा सके भाजपा प्रत्याशी विजय समर्थ लाल 30289 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Rajgarh-Laxmangarh Election Results 2023: जानें, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के पूर्व क्षेत्र में मौजूद है अलवर जिला, जहां बसा है राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 239874 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार जौहरीलाल मीणा को 82867 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि भाजपा उम्मीदवार विजय समर्थ लाल को 52578 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 30289 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से एनपीईपी उम्मीदवार गोलमा ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 64926 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर सपा उम्मीदवार सूरजभान ढाका को 56798 वोट मिल पाए थे, और वह 8128 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से सपा उम्मीदवार सूरजभान को कुल 45002 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जौहरी लाल दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 44056 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 946 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.