विज्ञापन
This Article is From Dec 31, 2015

राजस्‍थान : दलित आईएएस अफसर ने लगाया भेदभाव का आरोप, कबूला इस्‍लाम

राजस्‍थान : दलित आईएएस अफसर ने लगाया भेदभाव का आरोप, कबूला इस्‍लाम
जयपुर: राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया ने दलित होने के कारण अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपनी स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दे दिया। हालांकि प्रदेश सरकार ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

सालोदिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मेरी एक दलित अधिकारी होने के कारण अनदेखी की जा रही है।

मुख्‍ख्‍यमंत्री को लिखी चिट्ठी
उन्होंने कहा, ‘मैंने आज मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन भेज दिया है। केन्द्रीय कर्मचारियों के सेवानियम के तहत मैंने तीन महीने के नोटिस के तहत यह आवेदन भेज कर 31 मार्च 2016 को सेवानिवृत्ति का अनुरोध किया है। भारत सरकार को भी आज मैं यह पत्र भेज रहा हूं।’ 1978 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संभवत अपने से जूनियर अधिकारियों को मुख्य सचिव पद पर पदस्थापित करने से दुखी हैं।

पुलिस के कामकाज पर जताया अफसोस
सालोदिया ने प्रेस कांफ्रेस में पुलिस के कामकाज पर अफसोस जताते हुए कहा कि मेरे खिलाफ कई गलत शिकायतें करने वाले एक सेवानिवृत्त जिला अधिकारी के खिलाफ मैंने जयपुर के एक थाने में अनुसूचित जाति/जन जाति की धाराओं के तहत 24 मई 2014 को मुकदमा दर्ज करवाया था, लेकिन पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि जब मेरे मामले में यह स्थिति है तो आम आदमी, दलित की क्या स्थिति होगी।

संगीत और गायन में महारथ हासिल वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया ने कहा कि भारतीय संविधान में प्राप्त मूलभूत अधिकारों के तहत उन्होंने आज से इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है।

राज्‍य सरकार ने खारिज किए आरोप
दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने सालोदिया के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा नियमों के तहत पद पर रहते हुए सार्वजनिक मंच से सरकार की नीति रीति पर टिप्पणी करने के मामले में उनके खिलाफ ‘कार्रवाई’ के संकेत दिए हैं।

राजस्थान सरकार के प्रवक्ता संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा, ‘सेवानिवृति से मात्र छह माह पहले वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया ने सरकार पर अनुसूचित जाति और जन जाति वर्ग के साथ भेदभाव का मिथ्या आरोप लगाया है। भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 नियम सात के तहत पद पर रहते हुए सार्वजनिक तौर पर या संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से सरकार की नीति और रीति की आलोचना नहीं कर सकते हैं।’ राठौड़ ने कहा, ‘सालोदिया के खिलाफ राजस्व मंडल में रहते हुए पिछली तिथि में सरकारी टिप्पणी लिखने का एक मुकदमा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज है। वरिष्ठ अधिकारी किसके इशारे पर ऐसा कर रहे हैं, यह ज्ञात नहीं। लेकिन सेवानिवृति से छह माह पहले इस तरह के मिथ्या आरोप लगाना उन्हें शोभा नहीं देता।’

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
PM मोदी जन्मदिन विशेष: जब नरेंद्र मोदी ने मां से नजदीकियों और अपने बचपन को याद कर सबको कर दिया था भावुक
राजस्‍थान : दलित आईएएस अफसर ने लगाया भेदभाव का आरोप, कबूला इस्‍लाम
"तरंग शक्ति" मित्र देशों के बीच सहयोग और आपसी विश्वास बनाने का एक माध्यम : राजनाथ सिंह
Next Article
"तरंग शक्ति" मित्र देशों के बीच सहयोग और आपसी विश्वास बनाने का एक माध्यम : राजनाथ सिंह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com