जयपुर:
राजस्थान विधानसभा ने आरक्षण को लेकर दो विधेयक पास कर दिए हैं। उन्होंने दोबारा गुर्जरों को एक अतिरिक्त कोटा में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया है और एक अलग विधेयक में 14% आरक्षण दिया है आर्थिक पिछड़ा वर्ग को, लेकिन एक बार फिर राज्य में सुप्रीम कोर्ट की तय सीमा 50% से आरक्षण बढ़कर अब नए विधेयक के अनुसार 68% हो गया है। यानी यह कोटा सुप्रीम कोर्ट की सीमा को लांघ गया है।
2007, 2008 में हुए हिंसक गुर्जर आंदोलन के बाद तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने ऐसा ही विधेयक पारित किया था, तब भी यह कानून पेचीदगियों में फंस गया था और 2009 में इस पर स्टे लग गया था।
विधानसभा सेशन खत्म होने के बाद इन दो विधेयकों को लेकर संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौर ने कहा कि सरकार इन विधेयकों को लागू करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए वे केंद्र को भी लिखेंगे।
कर्नाटक, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में आरक्षण 50% से ज्यादा है, लेकिन कांग्रेस के सचिन पायलट ने इसे लोगों को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा की केंद्र में बीजेपी की सरकार है इसलिए पहले संशोधन लाना चाहिए था फिर राजस्थान में बिल पारित होना चाहिए था।
2007, 2008 में हुए हिंसक गुर्जर आंदोलन के बाद तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने ऐसा ही विधेयक पारित किया था, तब भी यह कानून पेचीदगियों में फंस गया था और 2009 में इस पर स्टे लग गया था।
विधानसभा सेशन खत्म होने के बाद इन दो विधेयकों को लेकर संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौर ने कहा कि सरकार इन विधेयकों को लागू करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए वे केंद्र को भी लिखेंगे।
कर्नाटक, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में आरक्षण 50% से ज्यादा है, लेकिन कांग्रेस के सचिन पायलट ने इसे लोगों को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा की केंद्र में बीजेपी की सरकार है इसलिए पहले संशोधन लाना चाहिए था फिर राजस्थान में बिल पारित होना चाहिए था।
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